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पूर्व के अधिकारियों ने हवाई अड्डा योजना की पूरी रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजी

स्थानीय लोग ने कहा हवाई अड्डा निर्माण से विकास की संभावना व रोजगार बढ़ेगा हजारीबाग : हजारीबाग नगवां हवाई अड्डा बनाने की मांग पंचायत प्रतिनिधियों के साथ स्थानीय लोग भी करने लगे हैं. रैयतों, पीआइएलकर्ताओं उचित मुआवजा भुगतान के बाद हवाई अड्डा का निर्माण कार्य शुरू करने के पक्षधर हैं. लोगों में नाराजगी है कि […]

स्थानीय लोग ने कहा हवाई अड्डा निर्माण से विकास की संभावना व रोजगार बढ़ेगा
हजारीबाग : हजारीबाग नगवां हवाई अड्डा बनाने की मांग पंचायत प्रतिनिधियों के साथ स्थानीय लोग भी करने लगे हैं. रैयतों, पीआइएलकर्ताओं उचित मुआवजा भुगतान के बाद हवाई अड्डा का निर्माण कार्य शुरू करने के पक्षधर हैं. लोगों में नाराजगी है कि पूर्व के अधिकारियों ने नगवां हवाई अड्डा हजारीबाग योजना से संबंधित पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार व केंद्र सरकार को नहीं भेजी. हवाई अड्डा निर्माण को लेकर सिर्फ 27.37 एकड़ जमीन मुआवजा भुगतान विवाद में उलझाये रखा. नगवां पंचायत के मुखिया संची देवी, योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि हवाई अड्डा बनने से क्षेत्र का विकास होगा. बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. आसपास प्रदूषण समाप्त होगा.
पंचायत समिति सदस्य कंचन मेहता, डॉ प्रदीप मेहता ने कहा कि हमलोगों की भी यही सोच है कि हवाई जहाज में कहीं घूमने जायें. हवाई अड्डा बनना चाहिए. हवाई अड्डा बनेगा तो आसपास के क्षेत्र में हर तरह का रोजगार बढ़ेगा. इसी तरह वार्ड सदस्य अनिता देवी, सुनीता, रामाशीष मेहता, बबिता देवी, उपमुखिया अनुप कुमार, वार्ड सदस्य बजरंगी ठाकुर समेत स्थानीय लोग हवाई अड्डा बनने से क्षेत्र के विकास की संभावना जतायी है.
हजारीबाग नगवां हवाई अड्डा निर्माण को लेकर मुख्य सचिव के विशेष कार्य पदाधिकारी झारखंड रांची को जानकारी पूर्व डीसी हजारीबाग द्वारा भेजी गयी है. यह जिला भू-अर्जुन शाखा द्वारा उपलब्ध कराये गये 27.37 एकड़ भूमि को लेकर है. पूर्व डीसी ने 2015 में पूरी योजना की जानकारी अपने पत्र में नहीं दी है. पूर्व डीसी ने नगवां में हवाई पट्टी निर्माण कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल हजारीबाग के माध्यम से कराने में आ रही दिक्कतों का उल्लेख किया है.
लेकिन मुख्य सचिव को यह नहीं बताया कि नगवां हवाई अड्डा हजारीबाग की पूरी योजना के लिए लगभग 300 एकड़ जमीन अधिग्रहण होना है. इसके लिये भू-राजस्व विभाग से अधियाचना प्राप्त नहीं हुआ है. पूर्व अधिकारियों ने जब भी वरीय अधिकारियों को इस योजना की जानकारी दी है, सिर्फ 27.37 एकड़ जमीन के बारे में बताया है. लेकिन पूर्व के अधिकारियों ने हजारीबाग हवाई अड्डा निर्माण योजना की पूरी स्थिति से कभी भी अवगत सरकार को नहीं कराया है.
पीआइएल कर्ता रामनरेश भी चाहते हैं हवाई अड्डा बने
नगवां हवाई अड्डा हजारीबाग के लिए प्रस्तावित लगभग 300 एकड़ जमीन में से मात्र 27.37 एकड़ जमीन के मुआवजा के भुगतान को लेकर हाई कोर्ट में पीआइएल रैयत रामनेरश कुमार ने किया है.
पीआइएलकर्ता रामनरेश ने प्रभात खबर को बताया कि हमलोग चाहते हैं कि हजारीबाग में हवाई अड्डा बने. हजारीबाग हवाई अड्डा के लिये नगवां चुरचू गांव के 27.37 एकड़ भूमि का अधिग्रहण 1945-46 में करने की बात जिला भू-अर्जन विभाग कह रही है, यह बिलकुल गलत है. इसी मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट में नौ दिसंबर 2011 में पीआइएल दायर किया हूं. हम रैयतों की मांग है कि जमीन का अधिग्रहण नये सिरे से किया जाये. हम लोगों को सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा नयी दर पर दिया जाये. जिला प्रशासन सिर्फ पीआइएल की बात कह कर इस योजना को नहीं करने का काम कर रहा है. इससे हमलोगों में काफी नाराजगी है. रामनरेश ने कहा कि हमलोगों को मुआवजा नहीं मिला है इससे संबंधित कई सरकारी दस्तावेज पीआइएल में है.
यहां तक कि कई सरकारी दस्तावेज प्रशासन को उपलब्ध करा सकते हैं. जिससे यह साबित हो जायेगा कि 27.37 एकड़ भूमि के मालिकों को मुआवजा नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि 65 साल बाद हमलोगों की जमीन जिला प्रशासन बिना मुआवजा दिये लेना चाहता है,इसी का हमलोग विरोध कर रहे हैं.

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