30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

योजनाओं की जानकारी ली

बरही : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की एक टीम दिल्ली से हजारीबाग आयी है. टीम में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य डॉ सुनील कुमार सिंह व लाइजनिंग अधिकारी मनिंद्र कुमार शामिल हैं. टीम हजारीबाग के विभिन्न प्रखंडों में राज्य संपोषित इंदिरा आवास, मनरेगा, छात्रवृत्ति, वृद्धापेंशन योजनाओं में एसटी-एसटी समुदाय के लोगों को मिल रहे […]

बरही : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की एक टीम दिल्ली से हजारीबाग आयी है. टीम में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य डॉ सुनील कुमार सिंह व लाइजनिंग अधिकारी मनिंद्र कुमार शामिल हैं. टीम हजारीबाग के विभिन्न प्रखंडों में राज्य संपोषित इंदिरा आवास, मनरेगा, छात्रवृत्ति, वृद्धापेंशन योजनाओं में एसटी-एसटी समुदाय के लोगों को मिल रहे लाभ की स्थिति का जायजा लेगी. सोमवार को बरही प्रखंड कार्यालय में इस संबंध में टीम के सदस्यों ने जानकारी ली तथा योजनाओं के फाइलों की जांच की. बीडीओ अतुल कुमार, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी निली सरोज कुजूर व बीपीओ रेणुबाला से योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में पूछताछ की.

बरकट्ठा बीडीओ को बरही बुला कर उनके फाइलों का निरीक्षण किया व पूछताछ की. यह टीम पदमा व इचाक भी जायेगी. आयोग के सदस्य डॉ सुनील कुमार सिंह व मनींद्र कुमार ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि वे सभी प्रखंड में इस बात का जायजा ले रहे है कि राज्य संपोषित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं. योजनाओं में इन समुदायों की भागीदारी कितनी हुई है. इन समुदायों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में क्या समस्याएं हैं. योजना व क्रियान्वयन में क्या कोई गड़बड़ी हो रही है. उन्होंने बताया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में भारत सरकार का निर्धारित दिशा-निर्देश है. इंदिरा आवास के लाभुकों की सूची में 60 प्रतिशत एससी एसटी को मिलना चाहिए. एसटी एससी को मनरेगा में अधिक रोजगार मिलना चाहिए. जहां कम जनसंख्या हो वहां उनकी आबादी के अनुपात में काम दिया जाना चाहिए. एसटी एससी मजदूरों को 20 प्रतिशत से कम नहीं लगाया जा सकता. आंगनबाड़ी में सहायिका के पद पर शत-प्रतिशत एससी एसटी लोगों को बहाल करना चाहिए. सेविका के पद पर झारखंड सरकार के दिशा निर्देश के मुताबिक 26 प्रतिशत एसटी व 10 प्रतिशत एससी की बहाली होनी चाहिए. दोनों अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस दौरे में इसका भी जायजा लिया जायेगा कि पिछले तीन वर्षो के दौरान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 व अजज/अज अत्याचार निवारण नियमावली का अनुपालन कितना हुआ है. इन सामाजिक वर्गों को इस अधिनियम व नियमावली के तहत लाभ पहुंचाया जा रहा है या नहीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें