विभावि में दो दिनी सेमिनार शुरू, राज्यपाल ने किया उदघाटन, कहा
हजारीबाग : मंजिल को पाने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है. विद्यार्थियों में हुनर की कमी नहीं है. इन्हें माहौल देने की जरूरत है. उक्त बातें मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ सैयद अहमद ने विभावि में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही. सेमिनार एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी के तत्वावधान में विभावि में शुक्रवार को विवेकानंद सभागार में हुआ.
राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश के युवाओं ने देश व विदेशों में अपने हुनर का परचम लहरा रहे हैं. छात्रों को रचना शील बनाने व उनके कौशल को विकसित करने की जरूरत है. किसी भी युग के सामाजिक बदलाव में उच्च शिक्षा का महत्व व भूमिका अहम रही है. आजादी के बाद से ही देश में उच्च शिक्षा पर बल दिया गया है.
अभी भी विश्व के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विवि नहीं आ पाया है. उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले इस पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विवि में शोध को बढ़ावा मिलना चाहिए. विद्यार्थियों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता होनी चाहिए. वहीं कुलाधिपति ने कहा कि व्यावसायिक पाठय़क्रम की अहमियत बढ़ी है. बेहतर रोजगार के लिए व्यावसायिक पाठय़क्रम जरूरी है.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर कुलपति रखेंगे अनुभव: विभावि कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि पूर्वी क्षेत्र के दो दिवसीय सेमिनार में कुलपति शामिल हैं. यहां उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे लायी जाये, इस पर कुलपति अपना अनुभव रखेंगे. श्री सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में विभावि ने पिछले छह माह में कुछ रोड मैप बनाया है. जिसे सेमिनार में प्रस्तुत किया जायेगा.
संसाधन से जरूरी वैचारिक परिवर्तन: उत्तरी छोटानागपुर कमीशनर सुरेंद्र सिंह मीणा (पूर्व विभावि कुलपति) ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बहुत आयाम है. भारत पूरे विश्व में ज्ञान की शक्ति के रूप में जाना जाता था, अब उच्च शिक्षा की हालत उतनी अच्छी नहीं है. उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए हाल ही में शुरू किया गया है. भारत में युवा शक्ति ज्यादा है. उन्हें सही ज्ञान देने की जिम्मेवारी विवि की है. चुनौतियां बहुत हैं. संसाधनों की कमी है. फिर भी शिक्षा के क्षेत्र में संसाधन से बहुत जरूरी वैचारिक परिवर्तन है. सिर्फ संसाधन बढ़ाने से अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम नहीं आयेंगे. बताया कि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में संसाधनों को पूरा करने के बावजूद परिणाम अच्छा नहीं मिल रहा है.
उच्च शिक्षा की पहुंच 20 प्रतिशत लोगों तक : एआइयू के महासचिव प्रो फु रकान कमर ने कहा कि एआइयू की स्थापना 1925 में हुई. पूरे भारत में लगभग 700 विवि हैं. जिनमें 440 विवि एआइयू के सदस्य है. पूर्वी क्षेत्र में 106 विवि आते हैं, जिनमें 83 विवि एआइयू के सदस्य हैं. देश के सामने उच्च शिक्षा को लेकर कई चुनौतियां हैं. उच्च शिक्षा अभी 20 प्रतिशत लोगों तक पहुंची है. इस क्षेत्र में आधारभूत संरचना की कमी, शिक्षकों की कमी व नियमित नियुक्ति नहीं होना, उच्च शिक्षा पर भार बढ़ा रही है. एआइयू का लक्ष्य है कि उच्च शिक्षा में नामांकन का लक्ष्य 30 से 40 प्रतिशत हो. जबकि अभी नामांकन आठ प्रतिशत है.
कुलगीत गायन से हुआ उदघाटन: दो दिवसीय सेमिनार के उदघाटन सत्र में विभावि का कुलगीत गाया गया. मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ सैयद अहमद को कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया. मंच पर एआइयू के महासचिव प्रो फुरकान कमर, प्रति कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा, कमीशनर सुरेंद्र सिंह मीणा उपस्थित थे. मंच पर उपस्थित लोगों को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया व स्मृति चिह्न् दिया गया. मंच संचालन डॉ राजेश कु मार ने किया, धन्यवाद ज्ञापन प्रति कुलपति प्रो मनोरंजन सिन्हा ने किया.
स्मारिका का विमोचन: राज्यपाल डॉ सैयद अहमद ने एआइयू के न्यूज लेटर व सेमिनार की स्मारिका का विमोचन किया.
नवनिर्मित सभागार का उदघाटन: विभावि में नवनिर्मित विवेकानंद सभागार का उदघाटन मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ सैयद अहमद ने किया.
14 कुलपति हुए शामिल: सेमिनार के प्रथम दिन उदघाटन सत्र में पूर्वी क्षेत्र के विभिन्न विवि के 14 कुलपति शामिल हुए. इनमें प्रो कमर हसन एसकेएमयू दुमका, प्रो एस कुशवाहा एलएमयू दरभंगा, प्रो ए लक्ष्मीनाथ सीएललॉ विवि पटना, प्रो ओआर एस राव आइसीएफएआइ रांची, प्रो आरएस दुबे टीएमबीयू भागलपुर, प्रो अजय के राय आइआइइएसटी हावड़ा, प्रो डीआर मंडल एसकेबीयू पुरुलिया, प्रो डीके गुप्ता जयप्रकाश विवि छपरा, प्रो एक रजीउद्दीन रांची विवि (प्रतिकुलपति), प्रो अजहर हुसैन, वीर कुंवर सिंह विवि, अमरेंद्र नारायण मिश्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड शामिल हुए.
उपस्थित थे: उदघाटन सत्र में विभावि के पदाधिकारी डॉ एमके सिंह, डॉ पी महतो, डॉ ओपी महतो, डॉ एएम सिद्दीकी, डॉ सिद्दीकी, डॉ अभय कुमार सिन्हा, उपायुक्त सुनील कुमार, शिक्षक व पुलिस विभाग के पदाधिकारी, स्नात्तकोत्तर के विद्यार्थी उपस्थित थे.