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विवाद के बाद शांतिपूर्वक हुई पूजा
डुमरी(गुमला) : डुमरी प्रखंड स्थित सरना समाज के धार्मिक स्थल सीरासीता नाला में उत्पन्न विवाद को प्रशासन द्वारा शांत कराने के बाद यहां शांतिपूर्वक पूजा-पाठ हुई. कई राज्यों से पहुंचे सरना समाज के लोगों ने पूजा की और सुख-शांति के लिए प्रार्थना की. इधर, पुरखा पंचबल देवचरण भगत ट्रस्ट ने सीरासीता नाले में अपनी उपस्थिति […]
डुमरी(गुमला) : डुमरी प्रखंड स्थित सरना समाज के धार्मिक स्थल सीरासीता नाला में उत्पन्न विवाद को प्रशासन द्वारा शांत कराने के बाद यहां शांतिपूर्वक पूजा-पाठ हुई. कई राज्यों से पहुंचे सरना समाज के लोगों ने पूजा की और सुख-शांति के लिए प्रार्थना की. इधर, पुरखा पंचबल देवचरण भगत ट्रस्ट ने सीरासीता नाले में अपनी उपस्थिति व अपनी देखरेख में वहां का विकास कराने की बात की है. वहीं राजी पड़हा सरना समिति रांची ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए सभी राज्यों के प्रतिनिधि के साथ बैठक की. बैठक में एक कमेटी सीरासीता नाले धर्म कंडो लिटियाचुवां न्यास बोर्ड बना कर इस तीर्थ स्थल का विकास करने की बात कही गयी.
इधर, बुधवार की देर रात्रि दोनों समूह के लोग सीरासीता नाला पहुंचे और बैठक के दौरान बयानों से एक-दूसरे से भिड़ गये. इसी बीच वहां रखे सामान में आगजनी कर धार्मिक स्थल की चारदीवारी व पिंड में तोड़फोड़ की गयी. पुरखा पंचबल देवचरण भगत ट्रस्ट की अध्यक्ष लीला देवी व सचिव शिवप्रकाश भगत ने धार्मिक स्थल में
तोड़फोड़ व अपशब्द कहने का आरोप सरना समाज के धर्मगुरु बंधन तिग्गा पर लगाया है. सचिव ने बताया कि बंधन तिग्गा व सोमा मुंडा अपने 40-50 सहयोगियों के साथ यहां पहुंचे और हमारे ट्रस्ट द्वारा बनायी गयी चारदीवारी व पिंड को तोड़ दिया. साथ ही बांस व झंडा सहित कई सामान को जला दिया. मारपीट करने के मामले में एक प्राथमिकी डुमरी थाना में दर्ज करा दी गयी है.
इधर, सरना समाज के धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ करने के मामले में कहा कि मेरे ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. धर्मगुरु का काम तोड़फोड़ करना नहीं है. आरोप लगाने वाले ही तोड़फोड़ किये हैं. बंधन तिग्गा ने कहा की सीरासीता किसी एक परिवार का नहीं हो सकता है. हमारे धर्म समाज के उदगम स्थली को कुछ लोग हाइजेक करना चाहते हैं और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए तीर्थ स्थली का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिसे हम नहीं होने देंगे.
पुरखा पंचबल देवचरण भगत ट्रस्ट एक परिवार ने बनाया है और उनका काम पैसा कमाना है. सीरासीता, धर्म कंडो और लिटियाचुवां के विकास के लिए हम सभी राज्य के प्रतिनिधि बैठक करेंगे और सीरासीता धर्म कंडो लिटियाचुवां न्यास बोर्ड का गठन किया जायेगा. हम चाहते हैं कि इस न्यास बोर्ड का पदेन अध्यक्ष डीसी व सचिव एसडीओ हों, बाकि सभी राज्य के लोग उसके सदस्य होंगे और सीरासीता का विकास तीर्थ स्थली देवघर की तरह किया जायेगा.
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