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गुमला : एक माह से मानसिक रोगियों को दवा नहीं, हंगामा
मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में मानसिक चिकित्सक की कमी एक वर्ष पूर्व चिकित्सक इस्तीफा देकर चले गये पिछले एक माह से मानसिक रोगियों को दवा नहीं मिल रही है. रोगियों ने उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया. सिमडेगा और जशपुर जिला के मरीजों का भी इलाज नहीं हो पा रहा है. गुमला : मानसिक रोगियों को पिछले […]
मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में मानसिक चिकित्सक की कमी
एक वर्ष पूर्व चिकित्सक इस्तीफा देकर चले गये
पिछले एक माह से मानसिक रोगियों को दवा नहीं मिल रही है. रोगियों ने उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया. सिमडेगा और जशपुर जिला के मरीजों का भी इलाज नहीं हो पा रहा है.
गुमला : मानसिक रोगियों को पिछले एक माह से दवा नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है. दवा नहीं मिलने से आक्रोशिक मानसिक रोगी के परिजनों ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया. दवा की मांग को लेकर परिजन जब उपायुक्त कार्यालय पहुंचे, तो उपायुक्त नहीं मिले. इससे परिजनों का गुस्सा काफी बढ़ गया.
मोहन मांझी, विंध्याचल प्रसाद, डला नायक, अब्दुल रब, फिलमोन तिर्की, वासुदेव गोप, ममता देवी, राजेंद्र सिंह, बाला देवी, विनोद सिंह, मंतीरा कुमारी, सुबोध गोप, भरत कुजूर, सुषमा कुमारी, माधुरी टोप्पो, लीला देवी व राजकुमार साहू ने बताया कि उन लोगों को पिछले एक माह से मानसिक स्वास्थ्य केंद्र, गुमला से दवा नहीं मिल रही है. एक माह से दवा भी नहीं मिल रही है और न ही जांच हो रही है. रोगियों ने बताया कि केंद्र में गुमला जिला सहित सिमडेगा और छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिला से भी रोगी आते हैं. विभागीय उदासीनता के कारण सभी को परेशानी हो रही है.
दवा है, लेकिन जानकारी के अभाव में नहीं दे सकते
केंद्र में कांट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे रिकॉर्डकीपर विनोद कुमार, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट सुजीत कुमार यादव और साइकेट्रिक सोशल वर्कर नील कुसुम लकड़ा कार्यरत हैं.
इन लोगों ने बताया कि केंद्र में दवा है, लेकिन किस रोगी को कौन सी दवा देनी है, इसकी जानकारी नहीं है. रोगी की जांच के बाद ही डॉक्टर दवा देते हैं. सीएस डॉक्टर जेपी सांगा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.
केंद्र में नहीं आते हैं मानसिक चिकित्सक
गुमला के सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में मानसिक चिकित्सक की कमी है. मानसिक रोगियों ने बताया कि केंद्र में एक वर्ष पूर्व तक स्थायी मानसिक चिकित्सक थे.
डॉक्टर शहनवाज जफर नियमित जांच करते थे और दवा देते थे. लेकिन एक वर्ष पूर्व डॉक्टर शहनवाज इस्तीफा देकर चले गये. इसके बाद सीएस की पहल पर रांची के कांके से प्रत्येक बुधवार को केंद्र में एक मानसिक चिकित्सक के बैठने की व्यवस्था की गयी. लेकिन इधर, एक माह से चिकित्सक भी नहीं आ रहे हैं.
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