बंधुआ मजदूरी से लोगों को मुक्त कराना आज भी बनी है ज्वलंत समस्या
गढ़वा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार गढ़वा के सभागार में सोमवार को बंधुआ मजदूर उन्मूलन व पुर्नवास पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. यह शिविर सृजन फाउंडेशन व जिला विधिक सेवा प्राधिकार गढ़वा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष कमलनयन पांडेय थे.
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सिंधु नाथ लमाये ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को सस्ता, सुलभ व त्वरित न्याय दिलाना है. वर्तमान में झारखंड के गढ़वा जिले से बहुतायत की संख्या में यहां के निवासियों को बंधुआ मजदूर के तौर पर अन्य राज्यों में जबरदस्ती बंधक रखा गया है.
उचित माध्यम न होने के कारण ऐसे लोगों की सुधि लेनेवाला भी कोई नहीं है. ऐसे बंधुआ मजदूरी के ग्रस्त लोगों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से शोषण का सामना करना पड़ रहा है. इससे उनका परिवार व समाज पर बुरा असर पड़ रहा है़ इस ज्वलंत समस्या के इसका निदान करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की पहुंच पारा लीगल वोलेंटियर के माध्यम से जिले के सुदूरवर्ती गांवों के कोने-कोने तक है. ऐसे समय के पीएलभी का दायित्व काफी बढ़ गयी है़ इस दौरान नेहा द्विवेदी ने प्रोजेक्टर के माध्यम से बंधुआ मजदूर के कारण, उन्मूलन व रोकथाम पर विस्तृत जानकारी दी़ शिविर में स्थायी लोक अदालत के सदस्य राकेश कुमार त्रिपाठी ने बंधुआ मजदूरी से संबंधित कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला.
वहीं लोक अदालत के अध्यक्ष कमलनयन पांडेय ने बंधुआ मजदूर के रोकथाम के लिए किये जा रहे जरूरी उपायों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बंधुआ मजदूरी की पुर्नवास के व्यवस्था के संबंध में भी जानकारी उपलब्ध करायी़ मंच का संचालन जिला समन्वयक सृजन फाउण्डेशन के रॉबिन कुमार मन्ना ने किया़ इस विधिक जागरूकता शिविर में सभी सृजन फाउण्डेशन के राकेश चौबे, दीपक, रूपा, रामजी, राजेश सहित अन्य फिल्डकर्मी एवं पीएलभी आदि उपस्थित थे.