गुमला : झारखंड राज्य का जमशेदपुर जिला रक्तदान करने व रक्त संग्रह में पहले नंबर पर है. जबकि गुमला जिला दूसरे नंबर पर है. अगर, गुमला सदर अस्पताल परिसर स्थित नया ब्लड बैंक शुरू हो जाये तो हमारा गुमला जिला पहले नंबर पर आ जायेगा. लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासन की उपेक्षा के कारण हम पहले नंबर पर नहीं आ पा रहे हैं.
कारण, नया ब्लड बैंक काे लाइसेंस नहीं मिला है. इस कारण नये ब्लड बैंक बनने के बाद से वह बेकार पड़ा है. जबकि नये ब्लड बैंक के भवन में करीब 50 लाख रुपये से अधिक की मशीन है. जिसका उपयोग नहीं होने के कारण अब यह बेकार हो रहा है. प्रशासन को इसकी जानकारी है. इसके बाद भी प्रशासन ब्लड बैंक को चालू करने की पहल नहीं कर रही है.
लगातार सिविल सर्जन की बदली के कारण भी मामला ठंडे बस्ते में पड़ता दिख रहा है. जीवन संस्था के अनिकेत कुमार ने कहा कि नये ब्लड बैंक में 50 लाख रुपये से अधिक की मशीन है. मैंने कई बार प्रशासन से मिल कर इसे चालू करने की मांग की परंतु अधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं. अभी स्थिति यह है कि गुमला सदर अस्पताल में पुराना ब्लड बैंक है.
जहां अभी लोग रक्तदान करते हैं. आम पब्लिक जो रक्तदान करते हैं. उस ब्लड को मरीजों को दिया जाता है. लेकिन पुराने ब्लड बैंक में खून रखने की क्षमता 400 यूनिट है. जबकि पुराने ब्लड बैंक में कुछ असुविधाएं भी हैं.
पुराने ब्लड बैंक के सामने नया ब्लड बैंक बना है. जिसका उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुरमू के हाथों हुआ था. लेकिन आज नया ब्लड बैंक का भवन बेकार पड़ा है. इसका मुख्य कारण लाइसेंस का नहीं मिलना है. शुरू में जनरेटर व एसी खराब होने के कारण कई महीनों से ब्लड बैंक बंद था.
अब जब जनरेटर व एसी बन गया तो लाइसेंस का समय खत्म हो गया. नये ब्लड बैंक में 1000 यूनिट ब्लड रखने की भी क्षमता की मशीन है. नया ब्लड बैंक को लाइसेंस मिलता है तो गुमला के लोगों को खून के लिए ज्यादा परेशानी नहीं होगी. ब्लड बैंक के कर्मियों के अनुसार गुमला ब्लड बैंक में 35 दिन तक ही ब्लड रख उपयोग कर सकते हैं.
अधिक रक्त संग्रह होने पर 35 दिन के बाद ब्लड को रांची रिम्स भेजा जाता है. अगर नया ब्लड बैंक चालू हो जायेगा तो यहां ज्यादा रक्त संग्रह किया जा सकता है. गुमला में प्रत्येक दिन मरीजों को 12 से 15 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है.