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बीमार है घाघरा अस्पताल, कैसे हो इलाज!
दुर्जय पासवान/अजीत कुमार गुमला : गुमला-लोहरदगा मार्ग पर स्थित घाघरा प्रखंड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीमार है. ऐसे में घाघरावासी सवाल कर रहे हैं, जब अस्पताल खुद बीमार है, तो फिर मरीजों का इलाज कहां व कैसे हो? क्योंकि अस्पताल में जो सुविधा होनी चाहिए, वह सुविधा नहीं है. करोड़ों रुपये से बना ओपीडी, क्वार्टर […]
दुर्जय पासवान/अजीत कुमार
गुमला : गुमला-लोहरदगा मार्ग पर स्थित घाघरा प्रखंड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीमार है. ऐसे में घाघरावासी सवाल कर रहे हैं, जब अस्पताल खुद बीमार है, तो फिर मरीजों का इलाज कहां व कैसे हो? क्योंकि अस्पताल में जो सुविधा होनी चाहिए, वह सुविधा नहीं है. करोड़ों रुपये से बना ओपीडी, क्वार्टर व अन्य भवन बेकार पड़ा हुआ है. यहां पानी, बिजली व शौचालय नहीं है.
लाखों रुपये की एक्स-रे मशीन खराब है. अस्पताल में पांच डॉक्टर हैं. इनमें एक डॉक्टर अक्तूबर से प्रशिक्षण में गयी हैं, जो अभी तक नहीं लौटी हैं. अभी चार डॉक्टर हैं. इन चार डॉक्टरों के भरोसे प्रखंड की 87309 आबादी का इलाज निर्भर है. कंपाउंडर नहीं है. घाघरा के कंपाउंडर का प्रतिनियोजन गुमला कर दिया गया है. 29 नर्स हैं, जिसमें 11 स्थायी व 18 अनुबंध पर हैं. 28 सबसेंटर है, लेकिन डॉक्टर की कमी के कारण कई सेंटरों तक डॉक्टर नहीं पहुंच पाते हैं. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जब कोई गंभीर मामला अस्पताल में आता है, तो एंबुलेंस का चालक नहीं मिलता है. अस्पताल में सुविधा नहीं रहने के कारण यहां सड़क हादसे व अन्य घटनाओं के मरीजों को गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. ज्ञात हो कि यह गुमला-लोहरदगा मार्ग पर होने के कारण महत्वपूर्ण अस्पतालों में से एक है. लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण यहां सुविधा नहीं है, जिसका खमियाजा प्रखंड के लोगों को उठाना पड़ता है.
मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी का निर्देश
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने गुमला के सीएस डॉक्टर शेषनाथ झा को निर्देश दिया है कि घाघरा अस्पताल में पानी, बिजली, शौचालय सहित जो भी समस्या है, उसे दूर करें. हालांकि उन्होंने नये अस्पताल भवन व क्वार्टर को प्राथमिकता देते हुए पानी, बिजली व शौचालय की कमी को पहले दूर करने के लिए कहा है. नये भवन में ओपीडी सेवा शुरू करने के लिए कहा गया है.
घाघरा अस्पताल की प्रमुख 10 समस्या
लाखों रुपये की एक्स-रे मशीन कूड़ा कचरा के बीच कमरे में कैद है.
एक्स-रे मशीन के कमरे में घाघरा के प्रभारी चिकित्सक का कब्जा है.
करोड़ों रुपये की लागत से बना ओपीडी, क्वार्टर भवन बेकार पड़ा है.
अस्पताल में सफाई नहीं होती, पंखा खराब, चहारदीवार अधूरी बनी.
मरीजों को अस्पताल से कंबल, बेडसीट व मच्छरदानी नहीं मिलती है.
मरीज के परिजनों के ठहराव की व्यवस्था नहीं, खुले स्थान में सोते हैं.
करोड़ों रुपये की लागत से बना भवन बेकार पड़ा है, सुविधा नहीं है.
नये भवन में न पानी, बिजली और न वायरिंग हुआ है, बेकार पड़ा है.
मात्र चार डॉक्टरों के भरोसे घाघरा प्रखंड की 87309 आबादी निर्भर है.
मरीजों के लिए लाखों रुपये की लागत से बेड खरीद हुई, बेकार है.
घाघरा अस्पताल में जो सुविधा होनी चाहिए, वह सुविधा नहीं है. मजबूरन मरीजों को गुमला या तो लोहरदगा जिला इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है. सरकार यहां सुविधा उपलब्ध कराये.
बॉबी भगत, जिला अध्यक्ष, महिला कांग्रेस, गुमला.
नये क्वार्टर में किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. सिर्फ भवन बना कर छोड़ दिया गया है. ऐसी स्थिति में कहां रहे, क्योंकि यहां रह कर ड्यूटी भी करना है. एक्स-रे रूम खाली था, इसलिए वहां रह रहे हैं.
डॉ राकेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
अस्पताल को जानें
डॉक्टर : अभी चार डॉक्टर हैं
नर्स : प्रखंड में कुल 29 नर्स है
सबसेंटर : प्रखंड में 28 सेंटर है
कंपाउंडर : गुमला में प्रतिनियुक्त
एंबुलेंस : मात्र एक एंबुलेंस है
चालक : दैनिक मजदूरी पर है
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