गुमला : झारखंड विधानसभा सत्तारूढ़ दल के सचेतक दल की तीन सदस्यीय स्टेट टीम ने मंगलवार को गुमला के सर्किट हाउस में जिले के जिला कल्याण विभाग, जिला समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक सुरक्षा कोषांग की समीक्षा बैठक की. टीम में मनोहरपुर विधायक जोबा मांझी, सिमडेगा विधायक विमला प्रधान व विधायक गीता कोड़ा शामिल थीं. बैठक में टीम ने जहां सामाजिक सुरक्षा कोषांग के कार्यों की सराहना की. वहीं जिला कल्याण विभाग, जिला समाज कल्याण विभाग व स्वास्थ्य विभाग के कार्यों पर असंतोष प्रकट करते हुए राज्य सरकार से शिकायत करने की बात कही. जिले में समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग में कई प्रकार की त्रुटियां हैं.
टीम ने पहले जिला समाज कल्याण विभाग व स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की. ज्ञात हो कि पूरे झारखंड राज्य में कुपोषित बच्चों की सबसे अधिक संख्या गुमला जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में है. टीम ने समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों से कुपोषण के बारे में जानकारी ली.
इस दौरान टीम ने यह भी बताया कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती माताओं और बच्चों को आंगनबाड़ी की ओर से दिया जाने वाली सामग्री भी नहीं दी जा रही है. जिले के बसिया व डुमरी प्रखंड में सीडीपीओ का पद रिक्त है. कई आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका व सहायिका का पद भी रिक्त है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की चर्चा करते हुए टीम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं के लिए ममता वाहन की समुचित व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में यदि एंबुलेंस है, तो उसका ड्राइवर नहीं है. अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन है, लेकिन मशीन चलाने के लिए ऑपरेटर नहीं है. टीम ने दोनों विभागों को एक सप्ताह के अंदर कार्यप्रणाली में सुधार लाने का निर्देश दिया.
बिना रिपोर्ट के बैठक में पहुंचा कल्याण विभाग
बैठक में जिला कल्याण विभाग के पदाधिकारी बिना रिपोर्ट के ही पहुंचे थे. जिले में कल्याण विभाग की ओर से 11 अनुसूचित जनजाति विद्यालय और नौ आश्रम विद्यालय सहित कई छात्रावास संचालित हैं. लेकिन इनमें से कईयों में विभाग द्वारा सुविधा नहीं दी जा रही है. वहीं बैठक में पदाधिकारी बिना रिपोर्ट के ही पहुंचे थे. इस पर टीम ने नाराजगी प्रकट की और एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट गुमला उपायुक्त श्रवण साय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उपायुक्त उक्त रिपोर्ट को टीम को सौंपेगे.