अमरनाथ सिन्हा,
गिरिडीह : जिन पांच नक्सलियों को गिरिडीह पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है, उन नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष कई खुलासे किये हैं. पुलिस सूत्रों की मानें तो चुनाव के दौरान झारखंड-बिहार की सीमावर्ती इलाके में विस्फोट करने के उद्देश्य से ही जोनल कमांडर चिराग द्वारा विस्फोटक मंगाया जा रहा था. बताया जाता है कि चिराग इन दिनों गावां व तिसरी थाना क्षेत्र से सटे सीमावर्ती गांव में है.
संभवत: जिस बोलेरो से विस्फोटक मंगाया जा रहा था, वह विस्फोटक नारोटांड़ या सतगावां के आसपास के इलाके में पहुंचता. पुलिस सूत्र बताते हैं कि इसी इलाके में कुछ दिनों से चिराग छिपा हुआ है और उसकी खोज की जा रही है. गौरतलब हो कि झारखंड-बिहार की सीमा पर स्थित इस इलाके में नक्सली चिराग की तूती बोलती है. चिराग के दस्ते में शामिल सुरंग यादव भी इलाके लिए काफी खतरनाक माना जाता है.
बचपन से ही संगठन से जुड़ा है अधिक : पुलिस ने जिस अधिक यादव उर्फ सुशील यादव को पकड़ा है, वह बचपन से ही नक्सली संगठन से जुड़ा रहा है. बताया जाता है कि अब अधिक 18 वर्ष से अधिक उम्र का हो चुका है. ऐसे में वह बाल दस्ते के बजाय भाकपा माओवादी के प्रमुख दस्ते में आ चुका है.
फुलचंद की हत्या के वक्त मौजूद था चिराग : पुलिस बताती है कि गावां के जोड़ासिमर गांव में जिस युवक की लाश मिली थी, वह युवक सतगावां का रहने वाला फुलचंद राय उर्फ संजय राय था. चूंकि फुलचंद माओवादियों का विरोधी था और इलाके में तेजनारायण राय तथा अशोक राय भाकपा माओवादी का सदस्य. ऐसे में दुश्मनी बढ़ती जा रही थी. दुश्मनी जब ज्यादा बढ़ गयी तो फुलचंद की हत्या का फैसला ले लिया गया. फुलचंद की हत्या सतगावां इलाके में ही कर दी गयी थी. हत्या के दौरान कुख्यात नक्सली चिराग और सुरंग यादव भी मौजूद था.
सूत्र बताते हैं कि जिस वक्त इस घटना को अंजाम तेजनारायण व अशोक राय ने दिया. उसके कई दिनों पहले से ही इलाके में चिराग का दस्ता आ चुका था.