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जागकर रात बिता रहे ग्रामीण
दहशत. हाथियों का उत्पात दूसरे दिन भी जारी, जंगल में जमाये हैं डेरा बिरनी और डुमरी प्रखंड में उत्पात मचाने के बाद पीरटांड़ में हाथियों का आतंक थम नहीं रहा है. झुंड ने रविवार की शाम को प्रखंड के कठवारा जंगल में 60 वर्षीय दौलत ठाकुर को कुचल कर मार डाला था, वहीं सोमवार को […]
दहशत. हाथियों का उत्पात दूसरे दिन भी जारी, जंगल में जमाये हैं डेरा
बिरनी और डुमरी प्रखंड में उत्पात मचाने के बाद पीरटांड़ में हाथियों का आतंक थम नहीं रहा है. झुंड ने रविवार की शाम को प्रखंड के कठवारा जंगल में 60 वर्षीय दौलत ठाकुर को कुचल कर मार डाला था, वहीं सोमवार को भी प्रखंड क्षेत्र के दो गांवों में उत्पात मचाया. फिलहाल 14 हाथियों का यह झुंड कठवारा जंगल में डेरा जमाये हुए है. हाथियों के डर से ग्रामीण रतजगा करने को विवश हैं.
पीरटांड़ : पीरटांड़ में हाथियों के झुंड का उत्पात दूसरे दिन भी जारी रहा. सोमवार की सुबह लगभग तीन बजे हाथियों ने नावाडीह पंचायत के बरियारपुर व ताराटांड़ गांव में उत्पात मचाया.
बताया जाता है कि अलसुबह झुंड गांव में पहुंच गया और छोटू टुडू का घर तोड़ दिया. इसके बाद हाथी पास के जंगल में चले गये. सूचना पर प्रमुख सिकंदर हेंब्रम, कुम्हरलालो मुखिया सुभाष कुमार पहुंचे और बीडीओ तथा सीओ को जानकारी दी. प्रमुख श्री हेंब्रम ने कहा कि हाथी लगातार उत्पात मचा रहे हैं, लेकिन विभाग इसे लेकर कोई स्थायी निदान नहीं निकाल पा रहा है. उन्होंने पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.
इधर हाथियों के झुंड के कुचलने से मृत दौलत ठाकुर के परिजनों को 50 हजार नगद मुआवजा रविवार की देर रात को दिया गया.प्रमुख सिकंदर हेंब्रम, मुखिया सुभाष कुमार, भाजपा नेता भोला पाठक समेत कई लोगों ने मुआवजा दिलाने को लेकर वन विभाग के अलावा पीरटांड़ के बीडीओ विकास कुमार राय व सीओ यशवंत नायक से बात की. रात में ही बीडीओ व सीओ घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिजनों को मुआवजा का भुगतान किया. बीडीओ श्री राय ने बताया कि वन विभाग से मुआवजा को लेकर बात की गयी है. विभाग की ओर से दो लाख का मुआवजा और दिया जायेगा. हाथियों के झुंड को प्रखंड से बाहर ले जाने के लिए विभाग के पदाधिकारियों से बात की जा रही है.
हाथ जोड़ा तो हाथी ने रास्ता छोड़ा
गांव में बिजली नहीं रहने के कारण मंगरू टुडू व छोटू टुडू अपने घर के आंगन में परिवार व बच्चों के साथ सोया हुआ था. छोटू ने बताया कि अचानक हाथियों का झुंड आंगन में घुस गया और खाट पर सोये परिजनों को घेर लिया.
छोटू के अनुसार उनलोगों ने हाथियों के सामने मिन्नत शुरू कर दी और सभी हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने व रोनेलगे. संयोग रहा कि इसके बाद हाथियों ने किसी को कुछ नहीं किया और परिवार के सभी सदस्य घर से बाहर निकल गये. जब सभी सदस्य बाहर निकल गये तो झुंड ने घर में तोड़फोड़ की और अनाज चट कर गये. यह बात इलाके में चर्चा का विषय बनी रही. हाथी को काफी संवेदनशील प्राणी माना जाता है. हालांकि जरूरी नहीं है कि हर बार ऐसा ही हो कि हाथी किसी को छोड़ दे, बेहतर यही होगा कि लोग अपनी सुरक्षा की व्यवस्था करें और हाथियों से दूर रहें.
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