– विनोद पांडेय –
गावां : प्रखंड में पिछले दिनों अवैध उत्खनन में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर हिंसक झड़प के बाद वन विभाग की नींद खुली व विभाग ने अवैध उत्खनन को ले कार्रवाई शुरू की. ज्ञात हो कि प्रखंड स्थित सेरूआ पंचायत स्थित खदियापहाड़ी में कई लोगों द्वारा अवैध रूप से पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा था.
यहां से पत्थरों की खुदाई करके उसे क्रशर में भी पहुंचाने का कार्य दिन के उजाले में किया जा रहा था. पत्थर निकालने को लेकर वहां जम कर लाठी–डंडों का प्रयोग किया गया. वारदात में सेरूआ उप मुखिया अशोक मोदी व उनका भाई विशेश्वर मोदी गंभीर रूप से घायल हो गये थे.
मामले में राजद के प्रखंड अध्यक्ष एवं उनके पुत्र महेश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. राजद अध्यक्ष द्वारा भी प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी. उक्त वारदात के बाद वन विभाग ने खदिया पहाड़ी का निरीक्षण किया व अवैध पत्थरों को जब्त किया. वन विभाग की ओर से भी अवैध उत्खनन करने के आरोप में राजद अध्यक्ष भरत यादव, जयराम यादव व महेश यादव पर मामला दर्ज किया गया है.
सवाल यह उठता है कि आखिर इसके पूर्व वन विभाग व माइनिंग विभाग इस मामलों में मौन क्यों था. सेरूआ पंचायत गावां मुख्यालय से महज तीन किमी की दूरी पर स्थित है. सच्चई यह है कि प्रखंड में इस समय अवैध उत्खनन का कार्य कई भागों में काफी वृहद पैमाने पर चल रहा है.
खरसान पंचायत में काला पत्थर गांव के पास स्थित पहाड़ी में काफी पैमाने पर पत्थरों को निकाला जा रहा है. यही हाल पिहरा में खैरी पहाड़ी, तराय, चरकी, भतगड़वा, जमडार, पछियारीडीह आदि गांवों के पास स्थित पहाड़ी की भी है. इन गांवों के पास कई पहाड़ियों का अस्तित्व भी संकट में है. प्रखंड में इस समय आधा दर्जन से अधिक क्रशर का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है.
क्या वजह है कि विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाता है. रेंजर शंकर पासवान ने कहा कि अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है. सभी क्रशरों को नोटिस भेजा गया है. कागजात उपलब्ध नहीं होने पर क्रशरों को सील करके कार्रवाई की जायेगी.