12.07.2009 को घटी थी घटना, बिरनी थाना अंतर्गत नगड़ी का मामला
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मारपीट में सात दोषी डांट-फटकार कर छोड़ा
12.07.2009 को घटी थी घटना, बिरनी थाना अंतर्गत नगड़ी का मामला अदालत में परिवाद के आधार पर बिरनी थाना में दर्ज हुई थी प्राथमिकी गिरिडीह : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रवि चौधरी की अदालत ने मंगलवार को मारपीट के एक मामले में सात लोगों को दोषी पाया है. हालांकि, अदालत ने सभी लोगों को डांट-फटकार […]
अदालत में परिवाद के आधार पर बिरनी थाना में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
गिरिडीह : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रवि चौधरी की अदालत ने मंगलवार को मारपीट के एक मामले में सात लोगों को दोषी पाया है. हालांकि, अदालत ने सभी लोगों को डांट-फटकार कर छोड़ दिया है.
यह मामला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां दायर परिवाद पत्र के आधार पर किया गया था. सूचक कैलाश मियां के फर्द बयान पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां धारा 147, 149, 323, 341, 447, 379 आइपीसी के तहत परिवाद पत्र दाखिल किया गया था.
इसके बाद बिरनी थाना में यह मामला दर्ज हुआ. मामले में सूचक ने कहा कि 12.07.2009 की सुबह करीब सात बजे विपक्षी लोग लाठी, भाला, तलवार, तीर-धनुष तथा हल-बैल लेकर पहुंचे तथा उसके खेत में लगी मकई की फसल को बर्बाद करने लगे. मना करने पर उसके साथ मारपीट की गयी और जेब में रखे पांच सौ रुपये भी छीन लिये.
उसे एक हजार रुपये की फसल का नुकसान हुआ. इसके बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया, जिसमें बिरनी थाना अंतर्गत नगड़ी निवासी शिबू मांझी, मंगर मांझी, किशुन मांझी, लखन मांझी, चोटिया मांझी, मानिक मांझी व मुन्नी मंझियान को अभियुक्त बनाया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक धनंजय दास ने अदालत में गवाहों के बयान का परीक्षण कराया. इसके बाद अदालत ने पहला अपराध रहने के कारण सभी सातों को डांट-फटकार छोड़ दिया है.
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