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पर्यटन स्थल बन सकता है गुरुसिंधु फॉल
गढ़वा : गढ़वा जिले के चिनिया प्रखंड स्थित गुरुसिंधु जलप्रपात सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है. अगर इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाये, तो सरकार को काफी लाभ होगा. समीपवर्ती राज्य छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व बिहार से सैलानी यहां पहुंच सकेंगे. चिनिया प्रखंड से 15 किलोमीटर दूर चपकली गांव के […]
गढ़वा : गढ़वा जिले के चिनिया प्रखंड स्थित गुरुसिंधु जलप्रपात सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है. अगर इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाये, तो सरकार को काफी लाभ होगा. समीपवर्ती राज्य छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व बिहार से सैलानी यहां पहुंच सकेंगे.
चिनिया प्रखंड से 15 किलोमीटर दूर चपकली गांव के समीप झारखंड व छत्तीसगढ़ की सीमा को विभाजित करनेवाली कनहर नदी पर स्थित गुरुसिंधु जलप्रपात का दृश्य अत्यंत ही मनोरम है. यहां की प्राकृतिक छटा अलौकिक है. करीब 200 फीट की ऊंचाई से गिरनेवाले झरने की आवाज काफी दूर तक सुनायी पड़ती है. ऊंचाई से पानी गिरने से सफेद झाग बन जाता है, मानो दूध की नदी बह रही हो. यहां आने पर सुकून महसूस होता है.
झरने के आसपास परतदार चट्टान हल्का गुलाबी रंग का दिखता है. जो दूर से काफी आकर्षक दिखता है. यहां आसपास न तो आबादी है न ही ट्रैफिक का शोर. बस कल-कल करती नदी और झरने की आवाज यहां आनेवाले लोगों को बांधे रखती है.
सड़क बन जाये, तो पहुंचने में होगी आसानी : चिनिया से गुरुसिंधु जलप्रपात तक पहुंचने के लिए आठ किमी सड़क काम चलाऊ है. जबकि सात-आठ किमी सड़क कच्ची है. इसमें लगभग तीन किमी सड़क पूरी तरह जंगली क्षेत्र है.
जलप्रपात तक छोटे वाहनों से जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जलप्रपात स्थल से पूर्व एक नदी है, जिसे पार करना पड़ता है. उसके बाद लगभग एक-दो किमी का रास्ता दुर्गम है. इसके बावजूद यहां की प्राकृतिक छटा को निहारने के लिए लोग खिंचे चले आते हैं. लगभग आठ किमी पक्की सड़क का निर्माण करा दिया जाये, तो लोग यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं.
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