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मुर्दे भी मशीन से उठा रहे हैं राशन

रमकंडा प्रखंड के चेटे पंचायत का मामला मुर्दे भी चला रहे हैं मोबाइल, ओटीपी के माध्यम से उठा रहे हैं राशन जीवित लाभुकों को छोड़ मुर्दे को दिया जा रहा है राशन रमकंडा : एक ओर जहां रमकंडा प्रखंड के करीब सैकड़ों जीवित लोगों को डीलर द्वारा प्रत्येक महीने दर्जनों गड़बड़ी बताकर उन्हें राशन नहीं […]

रमकंडा प्रखंड के चेटे पंचायत का मामला
मुर्दे भी चला रहे हैं मोबाइल, ओटीपी के माध्यम से उठा रहे हैं राशन
जीवित लाभुकों को छोड़ मुर्दे को दिया जा रहा है राशन
रमकंडा : एक ओर जहां रमकंडा प्रखंड के करीब सैकड़ों जीवित लोगों को डीलर द्वारा प्रत्येक महीने दर्जनों गड़बड़ी बताकर उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण थक-हारकर वैसे लोग राशन लेना ही छोड़ दिये हैं. वहीं दूसरी ओर राशन डीलर मुर्दे को राशन देते चले रहे हैं.
जी हां, यहां मृत व्यक्ति द्वारा डीलर के यहां पहुंचकर मशीन से राशन उठाव की बात सामने आयी है. इसका खुलासा प्रभात खबर की पड़ताल में हुआ है. डीलर द्वारा मृत व्यक्ति को राशन दिये जाने का मामला रमकंडा प्रखंड के सुदूरवर्ती चेटे पंचायत की है, जहां डीलर मुनीलाल प्रसाद के यहां से वर्षों पहले मृत तीन राशन लाभुक राशन का उठाव लगातार कर रहे हैं. मृत लोगों द्वारा राशन उठाव की जानकारी खाद्य आपूर्ति विभाग की वेबसाइट से हुई है. उक्त तीनों मामलों में यूआइडी की जगह मोबाइल नंबर के माध्यम से ओटीपी बनाकर राशन का उठाव किया गया है.
केस स्टडी – 1
वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार उक्त डीलर के यहां से अंत्योदय राशन कार्ड संख्या 202000192522 से पटसर गांव निवासी महावीर परहिया की पत्नी सोनिया देवी द्वारा मशीन में ओटीपी के माध्यम से पिछले 19 सितंबर व 23 अक्तूबर को 35-35 किलो चावल व 2.5-2.5 लीटर तेल का उठाव किया गया है. लेकिन जब पड़ताल की गयी, तो पता चला कि सोनिया देवी की मौत करीब तीन वर्ष पहले हो चुकी है. वहीं उसके पति महावीर परहिया की भी मौत करीब दो वर्ष पहले हो चुकी है. वहीं इस कार्ड में सिर्फ उक्त पति-पत्नी का नाम दर्ज है.
किसी और का नाम दर्ज नहीं है. मामले की जानकारी देते हुए मृतक के पुत्र भोला परहिया ने बताया कि पिता के राशन कार्ड पर मौत के बाद डीलर ने यह कहकर राशन देना बंद कर दिया कि मौत के बाद राशन कार्ड रद्द हो चुका है. उसने बताया कि घर के अन्य सदस्यों का दूसरा राशन कार्ड है. जिससे पीटीजी डाकिया योजना के तहत उन्हें राशन मिलता है.
केस स्टडी – 2
पीएच राशन कार्ड संख्या 202000192714 से रेनुडीह गांव निवासी सेडु भुइयां को डीलर मुनिलाल द्वारा पिछले 19 सितंबर व 24 अक्तूबर को 35-35 किलो चावल व 2.5-2.5 लीटर तेल उपलब्ध कराया गया है. लेकिन पड़ताल में पाया गया कि करीब चार वर्ष पहले बाराती वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने से सेडु भुइयां की मौत हो चुकी है. मृतक के भाई नबी भुइयां ने बताया कि मौत के बाद से उसका परिवार गांव छोड़ अपने ननिहाल में रहता है.
केस स्टडी – 3
इसी तरह अंत्योदय राशन कार्ड संख्या 202000192655 से रेनुडीह गांव निवासी त्रिवेणी भुइयां को पिछले 19 सितंबर को 35 किलो राशन दिया गया है. लेकिन उक्त राशन कार्ड संख्या में दर्ज पति-पत्नी की मौत करीब दो वर्ष पहले हो चुका है. इस कार्ड में भी सिर्फ पति, पत्नी का ही नाम दर्ज है. पूछने पर मृतक के पुत्र नारायण भुइयाँ ने कहा कि माता बसोइया देवी व पिता त्रिवेणी भुइयां की मौत के बाद डीलर द्वारायह कह कर राशन नहीं दिया जाता है कि मौत होने के बाद राशन नहीं मिलता है. उन्हें खुद मृत लोगों का राशन विभाग से नहीं मिलता है.
अब सवाल उठता है कि मौत के बाद डीलर ने इसकी रिपोर्ट अपने विभागीय अधिकारी को देकर मरे हुए व्यक्तियों का नाम राशन कार्डसे क्यों नहीं कटवाया. अगर विभाग द्वारा मृत व्यक्तियों का राशन उपलब्ध हो रहा है, तो गलत तरीके से राशन क्यों निकाला जा रहा है. समाचार के अनुसार प्रखंड में अभी भी ऐसे कई मामले मिल जायेंगे, जिसमें डीलर गरीबों को बेवकूफ बनाकर राशन का गोलमाल करते हैं.
जांच कर कार्रवाई की जायेगी : डीएसओ
इस संबंध में पूछे जाने पर डीएसओ जावेद अनवर इदरीसी ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी. जांच में पुष्टि के बाद डीलर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.

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