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चाकुलिया: सुरक्षित नहीं है एनसीएमएल के धान के गोदाम

कई केंद्रों पर किसानों से धान खरीद रही है एनसीएमएल किसी भी केंद्र पर धान की रखवाली के लिए नहीं हैं रात्रि प्रहरी चाकुलिया : बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करने वाली कंपनी एनसीएमएल के धान क्रय केंद्रों के गोदाम में रखे धान सुरक्षित नहीं है. क्योंकि गोदामों […]

कई केंद्रों पर किसानों से धान खरीद रही है एनसीएमएल

किसी भी केंद्र पर धान की रखवाली के लिए नहीं हैं रात्रि प्रहरी
चाकुलिया : बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करने वाली कंपनी एनसीएमएल के धान क्रय केंद्रों के गोदाम में रखे धान सुरक्षित नहीं है. क्योंकि गोदामों की सुरक्षा के लिए रात्रि प्रहरी नहीं है. चाकुलिया के कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर में कंपनी के गोदाम से 29-30 जनवरी की रात चोरों ने गोदाम का शटर तोड़ कर 64 बोरी धान की चोरी कर सनसनी फैला दी है. इससे कंपनी के गोदामों में रखे धान की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गये हैं.
विदित हो कि कंपनी ने चाकुलिया के कृषि उत्पादन बाजार समिति, फालदोहा, मुटूरखाम और पुराना बाजार में धान क्रय केंद्र खोला है. इन गोदामों में किसान से खरीदे गये धान रखे हुए हैं. बहरागोड़ा में बहरागोड़ा लैंपस, मानुषमुड़िया और बासदा में धान के क्रय केंद्र हैं. इन गोदामों में सैकड़ों क्विंटल धान रखे हैं. किसी भी गोदाम में रात्रि प्रहरी नहीं है. कंपनी के लोग सुबह केंद्र आते हैं और धान खरीदी के बाद चले जाते हैं. इन गोदामों में धान कब तक रखे रहेंगे, कोई समय सीमा तय नहीं है. क्योकिं मिलरों द्वारा एफसीआइ को चावल की आपूर्ति करने के बाद ही उक्त गोदामों में रखा धान मिलरों को मिलिंग के लिए भेजा जायेगा. कंपनी के प्रभारी घनश्याम दास ने कहा कि किसी भी गोदाम पर रात्रि प्रहरी नहीं है. चाकुलिया के कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर के गोदाम में हुई धान की चोरी चिंता का कारण बनी है. इससे कंपनी के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा. विदित हो कि पिछले वर्ष इसी कंपनी के तहत किसानों से धान की खरीदी हुई थी. यहां से चावल मिल मािलकों ने नजदीकी धान क्रय केंद्र से धान का उठाव किया था. चावल मिलों में धान की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. इससे धान की चोरी की घटना नहीं हुई थी. इस वर्ष सरकार ने नियमों में तब्दिली कर धान क्रय केंद्रों पर धान खरीदी का निर्देश दिया. मिलरों द्वारा पहले चावल की आपूर्ति करने के बाद केंद्र से धान चावल मिलों में भेजा जायेगा. सरकार के इस नियम से किसानों को धान बेचने में परेशानी हो रही है. इसके कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अभी तक काफी कम मात्रा में धान की खरीदी हुई है.

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