बहरागोड़ा से दारीशोल तक एनएच 6 की स्थिति दिन पर दिन होते जा रही है बद से बदतर
बहरागोड़ा : बहरागोड़ा प्रखंड में एनएच 6 की दुर्दशा ने पूर्वाचल के ग्रामीणों को आफत में डाल रखा है. जनता त्रहिमाम कर रही है. स्थिति यह है कि इस इलाके ग्रामीणों को बहरागोड़ा प्रखंड मुख्यालय आने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
एनएच 6 की जजर्रता ने इस इलाके की शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार आदि को कुंठित कर दिया है. जनता त्रहिमाम कर रही है. यह वह इलाका है, जो पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ है. करीब आठ पंचायतों की जनता एनएच 66 की दुर्दशा का खामियाजा भुगत रही है.
बहरागोड़ा के कालियाडिंगा चौक पर एनएच 33 व 6 का मिलन होता है और यहीं से शुरू हो जाता है एनएच 6. कालियाडिंगा चौक से पश्चिम बंगाल की सीमा (दारीशोल) की दूरी करीब 19 किमी है, परंतु 19 किमी लंबा यह पथ झारखंड क्षेत्र में बद से बदतर है. इस पथ पर जाम लगना आम बात हो गयी है. पथ पर उभरे गड्ढों के कारण दोपहिया वाहनों का चलना भी मुश्किल है.
इसी पथ पर जगन्नाथपुर के पास चेकनाका है, जहां करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है. सबसे बुरा हाल चेकनाका से दारीशोल तक का है.वहीं दारीशोल से पश्चिम बंगाल सीमा में एनएच 6 चकाचक है. इस 19 किमी की दूरी तय करनी ग्रामीणों के लिए आसान नहीं रह गयी है.
जानकारी हो कि इस इलाके में सरकारी या फिर प्राइवेट चिकित्सा व्यवस्था की कोई सुविधा नहीं है. मरीजों को या तो बहरागोड़ा, ओड़िशा के बारीपादा या फिर बंगाल ले जाना पड़ता है, परंतु एनएच 6 की दुर्दशा से मरीजों को ले जाना भी असंभव साबित हो रहा है. छात्र–छात्राओं को कॉलेज आने में कठिनाई हो रही है.