विराेध. स्वास्थ्य अनुबंध कर्मचारी संघ की हुई बैठक, उठायी मांग
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समान काम के लिए मिले समान वेतन
विराेध. स्वास्थ्य अनुबंध कर्मचारी संघ की हुई बैठक, उठायी मांग स्वास्थ्य विभाग के अनुबंध कर्मियों की बैठक में सरकार की नीतियों पर आक्रोश व्यक्त किया गया. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार अनुबंध कर्मियों पर ध्यान नहीं दे रही है. दुमका : झारखंड राज्य एनआरएचएम, एएनएम व जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ जिला इकाई की बैठक रविवार […]
स्वास्थ्य विभाग के अनुबंध कर्मियों की बैठक में सरकार की नीतियों पर आक्रोश व्यक्त किया गया. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार अनुबंध कर्मियों पर ध्यान नहीं दे रही है.
दुमका : झारखंड राज्य एनआरएचएम, एएनएम व जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ जिला इकाई की बैठक रविवार को विनीता कुमारी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सरकार व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के उदासीन रवैये के बारे में चरचा की गयी. विनिता कुमारी ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार काम कराने व अपने लक्ष्य को थोप कर हर दिन एक नया शोषण की तानाशाही नीति का इजाद कर रही है.
वे भी सिर्फ एएनएम व जीएनएम पर बाकी सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी चाहे वे नियमित हो या अनुबंध इस तानाशाही रवैये से दूर रखे जाते हैं. उन्होंने ने कहा कि सरकार आज महिला सशक्तीकरण की बात करती है. लेकिन सशक्तीकरण पर सिर्फ शोषण किया जा रहा है. यहां तक की हमारे उच्च अधिकारी भी हमें कार्यों के माध्यम से शोषण करने में लगे हुए है. अब तो अनुबंध कर्मियों की ये स्थिति बन गयी है कि सरकार न तो समान काम का वेतन लागू कर रही है.
लेकिन 24 घंटों संबंधित गांवों या पदस्थापित स्थान में रहने की बात करती है. ऐसे में किसी महिला कर्मी के साथ कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो इसकी पूरी जिम्मेवारी कौन लेंगे. क्या हमारे अधिकारी कर्मीयों की पूरी जिम्मेवारी लेंगे. हमारे झारखंड में अधिकांश क्षेत्र सुदूर क्षेत्र में है. आखिर सिर्फ एएनएम ही क्यों सुदूर क्षेत्र में रखा जाता है. हमारे झारखंड राज्य की अधिकांश एएनएम विगत 10 सालों से सुदूर क्षेत्रों में अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचा रही है. लेकिन उनका भविष्य सरकार ने अधूरे में लटका रखा है. इतनें कम वेतन में एएनएम व जीएनएम को अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए हर वक्त सोचना पड़ता है.
पर हमारे सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. कहा कि हर दिन एक नया नियम बनाकर पुराने लोगों को छांटने की तानाशाही नीति व फरमान जारी करती है. अगर सरकार एवं अधिकारी अपने इस रवैये से बाज नहीं आते है तो संघ विवश होकर सरकार व अधिकारियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन करेंगी. बैठक में जिला सचिव रूपम कुमारी, कोषाध्यक्ष सरीता कुमारी, किरण कुमारी, शांति सोरेन, सचिव राजीव नयन तिवारी, कैलाश प्रसाद साह, प्राण मोहन मुर्मू आदि
उपस्थित थे.
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