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घटवार आदिवासी समुदाय को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग

बासुकिनाथ : भुइयां घटवार आदिवासी महासभा की बैठक विश्वनाथ राय की अध्यक्षता में हुई. सोमवार को रांची में होने वाले घटवार आदिवासी महासभा की रैली को सफल बनाने के लिए दर्जनों छोटी-बड़ी गाड़ियों से रविवार को काफी संख्या में समुदाय के लोग जरमुंडी से रांची रवाना हुए. रांची रवाना होने से पूर्व समाज के आर्थिक, […]

बासुकिनाथ : भुइयां घटवार आदिवासी महासभा की बैठक विश्वनाथ राय की अध्यक्षता में हुई. सोमवार को रांची में होने वाले घटवार आदिवासी महासभा की रैली को सफल बनाने के लिए दर्जनों छोटी-बड़ी गाड़ियों से रविवार को काफी संख्या में समुदाय के लोग जरमुंडी से रांची रवाना हुए. रांची रवाना होने से पूर्व समाज के आर्थिक,

राजनीतिक दशा पर विस्तार से चर्चा की गयी. समुदाय को आदिवासी सूची में शामिल किये जाने को लेकर सरकार के विरोध में आंदोलन चलाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. घटवार महासभा ने समुदाय को पुन: आदिवासी सूची में शामिल किये जाने को लेकर केंद्र सरकार से मांग की है. महासभा के अध्यक्ष रवि राय एवं विश्वनाथ राय ने बताया कि संतालपरगना गजटियर में जनगणना के अनुसार 1938-1941 तक आदिवासी में सूची में यह समुदाय शामिल है. लेकिन आजादी के बाद 1951 से 1952 के जनगणना के अनुसार जाति गणना के बाद बिना कारण बताये सूची से इस समुदाय को हटा दिया गया है.

चरणबद्ध आंदोलन करेगी महासभा
महासभा के विश्वनाथ राय ने बताया कि झारखंड में करीब 40 लाख की आबादी है जो आदिवासी सूची से बाहर है. पुन: अधिकार पाने के लिए घटवार समाज सरकार के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन चलाने की रणनीति बना रही है. श्री राय ने बताया कि आदिवासी सूची में शामिल किये जाने की मांग को लेकर घटवार महासभा 1969 से संघर्ष कर रहा है. उसने बताया कि कैप्टन ब्राउन ने 1972 में भूइंया जाति को चार भागों में क्रमश: टिकैत, बाबु, ठाकुर एवं घटवार में इसे बांटा था. मौके पर सचिव प्रयाग सिंह, शंकर राय, राजकुमार राय, नरेश राय, दुर्योधन राय, नीलकंठ राय, ब्रम्हदेव राय, छोटू राय, जर्नादन राय आदि मौजूद थे.

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