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स्थानीय नीति निरस्त करे सरकार : प्रदीप यादव

दुमका : झारखंड विकास मोरचा (झाविमाे) सुप्रीमो सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी दुमका के गांधी मैदान में मंगलवार से दो दिवसीय महाधरना पर बैठ गये हैं. उनके साथ पार्टी के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव, पूर्व विधायक देवेंद्र कुंवर सहित जेवीएम-जेडीयू के सैकड़ों कार्यकर्ता भी हैं. महाधरना में सीएनटी-एसपीटी में संशोधन को निरस्त करने और खतियानी […]

दुमका : झारखंड विकास मोरचा (झाविमाे) सुप्रीमो सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी दुमका के गांधी मैदान में मंगलवार से दो दिवसीय महाधरना पर बैठ गये हैं. उनके साथ पार्टी के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव, पूर्व विधायक देवेंद्र कुंवर सहित जेवीएम-जेडीयू के सैकड़ों कार्यकर्ता भी हैं.
महाधरना में सीएनटी-एसपीटी में संशोधन को निरस्त करने और खतियानी रैयतों को ही झारखंड का स्थानीय घोषित करने की मांग की जा रही है.
पहले दिन महाधरना को संबोधित करते हुए प्रदीप यादव ने कहा रघुवर सरकार झूठी दलील दे रही है कि उसने सीएनटी-एसपीटी का सरलीकरण किया है. सच्चाई यह है कि इस एक्ट की मूलभावना से ही छेड़छाड़ हुई है. जिस तरीके से इन कानूनों में संशोधन किया गया है, उससे कृषि योग्य जमीन भी सरकार उद्योगपतियों को दे सकेगी. सरकार को इस संशोधन को निरस्त करना ही होगा. श्री यादव ने कहा इस राज्य की जनता ने रघुवर दास पर कृपा की है.
उन्होंने स्थानीय नीति भी निरस्त करने की मांग की. कहा कि मूलवासी व खतियानी रैयतों को झारखंड का स्थानीय घोषित किया जाना चाहिए. झाविमो यहां रह रहे लोगों को भगाने की बात नहीं करता है, लेकिन उन्हें झारखंडी घोषित करने का भी पक्षधर नहीं है. झारखंडी को ही झारखंड की नौकरियों का लाभ मिले. दारोगा, चपरासी और और पदाधिकारी की नौकरी 20 वर्ष तक झारखंडियों के लिए आरक्षित होनी चाहिए.
रांची. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार दो दिनों के झारखंड दौरे पर हैं. वे मंगलवार शाम देवघर पहुंचे. बुधवार को वे बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद दुमका रवाना होंगे, जहां वे झाविमो के महाधरना में शामिल होंगे. नीतीश कुमार के दुमका दौरे के मद्देनजर बिहार के संसदीय कार्यमंत्री और प्रदेश प्रभारी श्रवण कुमार एक दिन पूर्व ही देवघर पहुंच चुके हैं.
लाठी-डंडे के सहारे लूटी जा रही गरीबों की जमीन : प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि झारखंड की स्थिति चिंताजनक है. गरीबों की जमीन लाठी-डंडे के सहारे लूटी जा रही है. सरकार को गरीब किसानों की चिंता नहीं है. बड़े कॉरपोरेट हाउस के लिए सरकार काम कर रही है. झारखंड की दशा-दिशा को देख कर झाविमो और जदयू पूरी एकजुटता के साथ संघर्ष कर रहे हैं.

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