वार्ता . 15 महीने में हुए 60 से अधिक सांप्रदायिक झगड़े
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इस्तीफा दें रघुवर दास : बाबूलाल
वार्ता . 15 महीने में हुए 60 से अधिक सांप्रदायिक झगड़े झारखंड विकास मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हजारीबाग एवं बोकारो में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए रघुवर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि राज्य में विधि व्यवस्था चरमरा गयी है. दंगे-फसाद बढ़ रहे हैं. सरकार मजबूत […]
झारखंड विकास मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हजारीबाग एवं बोकारो में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए रघुवर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि राज्य में विधि व्यवस्था चरमरा गयी है. दंगे-फसाद बढ़ रहे हैं. सरकार मजबूत होती, तो किसी की मजाल नहीं होती.
दुमका : पिछले पंद्रह सालों में रघुवर दास को सबसे कमजोर सीएम बताते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर राज्य की स्थिति संभल नही रही है, तो नैतिकता के तकाजा के आधार पर रघुवर दास को त्यागपत्र दे देना चाहिए. उन्होंने दुमका परिसदन में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में श्री मरांडी ने कहा कि 2014 में पूरे साल भर में महज पंद्रह सांप्रदायिक झगड़े हुए थे, जबकि इस सरकार के पंद्रह महीनों के कार्यकाल में साठ से अधिक सांप्रदायिक झगड़े हो चुके हैं. कई लोगों की जाने चली गयी.
लातेहार में भी विभत्स घटना हुई है. रामनवमी में ही आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे हुए. सारा कुछ रघुवर सरकार के संरक्षण में हुआ. सरकार ने पहले कहा था कि कहीं डीजे नहीं बजेगा. लेकिन हजारीबाग में डीजे में जिस कैसेट को बजाया जा रहा था, वह कैसेट वर्ग विशेष के खिलाफ व धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली थी. इतना ही नहीं उसी जगह वित्त राज्यमंत्री व विधायक हैलीकाॅप्टर से फूल बरसा रहे थे. इससे बड़ी शर्मनाक बात और नहीं हो सकती. सरकार को बताना चाहिए कि ऐसे कैसेट-सीडी बजाने की इजाजत किसने दी थी. और अगर तीन दिनों से ये चल रहे थे, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
राज्यसभा को लेकर चल रही अटकलों को किया खारिज
श्री मरांडी ने उनके राज्यसभा जाने की चल रही अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वे कभी बैकडोर की पॉलीटिक्स करना नहीं चाहते. उन्होंने हमेशा मुख्यधारा की राजनीति की है. वे बैक से खेलने वाले नहीं, बल्कि फ्रंट से खेलने वाले हैं. मरांडी ने कहा कि जहां से ऐसे सवाल उठ रहे थे, वहां उन्होंने इससे इनकार कर दिया है. प्रेस कान्फ्रेंस में पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन, केंद्रीय समिति सदस्य पिंटू अग्रवाल एवं जिला संयोजक धर्मेंद्र सिंह बिट्टू मौजूद थे.
विशेष जांच दल का हो गठन
श्री मरांडी ने कहा कि इस मामले में किसी जज की अध्यक्षता में विशेष जांच दल अर्थात एसआईटी का गठन होना चाहिए. ताकि पता चल सके कि किनकी लापरवाही से ऐसी घटनायें हुई. सरकार ने कानून भी बनाया है. जिनकी क्षति हुई, वे उन्हें क्षतिपूर्ति दिलाये और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करे.
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