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मानें निर्देश नहीं तो बंद होंगे स्कूल

दुमका : सरकार के आदेश के अनुपालन नहीं होने तथा मनमाना फी वसूले जाने का सिलसिला जारी रहने पर आक्रोशित अभिभावकों ने मंगलवार को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा से मुलाकात की. मुख्य रूप से पहुंचे होली चाइल्ड, डिनोवो, सेक्रेड हार्ट स्कूल व संत जोसेफ स्कूल के अभिभावकों के इस प्रतिनिधिमंडल ने उनसे एनुअल, डिवेलपमेंट, लाईब्रेरी, […]

दुमका : सरकार के आदेश के अनुपालन नहीं होने तथा मनमाना फी वसूले जाने का सिलसिला जारी रहने पर आक्रोशित अभिभावकों ने मंगलवार को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा से मुलाकात की.
मुख्य रूप से पहुंचे होली चाइल्ड, डिनोवो, सेक्रेड हार्ट स्कूल व संत जोसेफ स्कूल के अभिभावकों के इस प्रतिनिधिमंडल ने उनसे एनुअल, डिवेलपमेंट, लाईब्रेरी, मिसलेनियस, स्पोर्टस एंड गेम्स और कंप्युटर फी लेने के लिए छात्र-छात्रओं को प्रताड़ित किये जाने की शिकायत की.
इन्होंने यह भी बताया कि स्कूल प्रबंधक कहते हैं कि उन्हें डीसी का आदेश नहीं मिला है. होली चाइल्ड, संत जोसेफ और सेक्रेड हार्ट स्कूल के संचालक खुद को अल्पसंख्यक विद्यालय बताते हुए आरटीइ को मानने और फी घटाने से इनकार कर रहे हैं.
आरटीइ के दायरे में नहीं तो भी सरकार का आदेश मानना होगा
उपायुक्त ने कहा कि उन्होंने दो बार निजी स्कूल के संचालकों को फेस-टू-फेस होकर कहा है कि वह सिर्फ और सिर्फ ट्यूशन फी और परीक्षा शुल्क के अलावा कोई और शुल्क नहीं ले सकते हैं और यदि उन्होंने फी ले लिया है तो उसे मासिक शुल्क में समायोजित करेंगे. अभिभावकों के आग्रह पर उन्होंने कहा कि स्कूलों को आज ही उनके द्वारा 16 अप्रैल को जारी आदेश की कॉपी भेज दी जायेगी.
डीसी ने कहा कि सरकार के आदेश के मुताबिक अल्पसंख्यक विद्यालयों को भी केवल ट्यूशन फी और एग्जामिनेश फी ही लेनी है. अल्पसंख्यक विद्यालय आरटीई के दायरे में नहीं आने की जो बात कह रहे हैं पर वह एनूअल, डिवेलपमेंट, लाइब्रेरी, मिसलेनियस, स्पोर्टस एंड गेम्स और कंप्यूटर फी नहीं ले सकते हैं क्योंकि ये आरटीइ से संबंधित नहीं है बल्कि ऐसा सरकार का आदेश है जो अल्पसंख्यक विद्यालयों पर भी लागू होता है.
एडजस्ट होने तक नहीं जमा करें मंथली फी : डीसी ने अभिभावकों से कहा कि वह किसी भी हाल में किसी निजी स्कूल में एनूअल, डिवेलपमेंट, लाइब्रेरी, मिसलेनियस, स्पोर्टस एंड गेम्स और कंप्यूटर फी आदि नहीं जमा करें और जिन अभिभावकों ने यह फी जमा कर दिया है वह तबतक मंथली फी नहीं जमा करें जबतक कि अधिक जमा की गयी फी सामंजित नहीं हो जाती है.
उन्होंने अभिभावकों को आश्वस्त किया कि इस वजह से उनके बच्चे का स्कूल से नाम नहीं काटा जा सकता या उसे एग्जाम देने से वंचित नहीं किया जा सकता है.
ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.डीसी ने यह भी कहा कि यदि कोई भी शिक्षक या प्रधानाध्यापिका किसी बच्चे को कड़ा दंड देता या मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है तो उसकी लिखित शिकायत स्थानीय थाने में करे. अभिभावकों के आवेदन को गंभीरता से लेते हुए डीसी ने कहा कि यदि अब भी स्कूल उनके आदेश को नहीं मानते और फी स्ट्रक्च्र में आदेश के तहत सुधार नहीं करते हैं तो ऐसे स्कूल को प्रशासन बंद कर देगी.

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