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सास से कलह के बाद दो बच्चों को तालाब में डूबो दिया, बच्चों के मरने तक इंतजार करती रही मां

सरैयाहाट : सरैयाहाट थाना के बुढी झिलुआ गांव में दो बच्चों की हत्या उनको जन्म देनेवाली मां ने ही की थी. अपने बच्चों की हत्या करने वाली ललिता देवी ने जो बयान दिया है, वह ममता को शर्मसार ही नहीं कलंकित कर देने वाला है. उसने खुलासा किया है कि शुक्रवार को तालाब में डुबो […]

सरैयाहाट : सरैयाहाट थाना के बुढी झिलुआ गांव में दो बच्चों की हत्या उनको जन्म देनेवाली मां ने ही की थी. अपने बच्चों की हत्या करने वाली ललिता देवी ने जो बयान दिया है, वह ममता को शर्मसार ही नहीं कलंकित कर देने वाला है. उसने खुलासा किया है कि शुक्रवार को तालाब में डुबो कर उसने अपने बच्चों की इसलिए हत्या कर दी थी क्योंकि सास से कलह हुई थी.

बच्चों को पीटने से सास ने किया विराेध तो हो गयी आग-बबूला : कलह तब हुई थी, जब वह पांच साल की बेटी प्रीति को पढ़ा रही थी. इस दौरान उसने प्रीति को पीट दिया था. सास सावित्री देवी ने बच्चों को मारने से मना किया तो वह आग-बबूला होकर घर के कमरे में रखी एक अटैची व एक बक्से पर केरोसिन उड़ेलकर माचिस मार दी. इतने में भी गुस्सा शांत नहीं हुआ, तो दोनो बच्चों को लेकर वह गांव में ही एक सरकारी तालाब के पास पहुंची. दोनों बच्चों को उक्त तालाब में निर्ममता से फेंक दिया और उनके मरने तक इंतजार करती रही. दोनों बच्चे मर गये, यह विश्वास उसे हो गया, तब जाकर वह गांव की ओर लौटी और एक व्यक्ति के गोहाल में जाकर छिप गयी. हालांकि उसे ग्रामीणों ने देख लिया तथा पकड़कर रस्सी से बांध दिया तथा देर रात पुलिस के हवाले कर दिया.

घटना पर पश्चाताप तक नहीं! : जिन बच्चों को नौ-नौ महीने तक गर्भ में पाला. जन्म लेने के बाद परवरिश की, उन्हें ही अपने हाथों से 23 साल की ललिता देवी ने मार डाला. इस घटना को लेकर उसके चेहरे में किसी तरह का पश्चाताप या ग्लानि नहीं दिख रही थी. न ही किसी तरह की शिकन उसके चेहरे पर थी.

तालाब में फेंकने से पहले मारा-पीटा भी : थाना में ललिता देवी ने हंसडीहा सर्किल इन्सपेक्टर उपेन्द्र सिंह व थाना प्रभारी एमपी सिंह के समक्ष यह स्वीकार किया कि बच्चों को तालाब में डुबोने से पहले उसने दोनों बच्चों को लप्पड़-थप्पड़ से मारा-पीटा भी था.

सास-ससुर ही नहीं पति से भी नहीं थे रिश्ते मधुर : ललिता ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि सास सावित्री देवी, ससुर हीरा मंडल से अक्सर उसकी कहा-सुनी हो जाती थी. पति सिकंदर मंडल से भी झगड़ा होता रहता था. इसके लिए कई बार पंचायती भी हुई थी. एक बेटी उसकी ननिहाल में ही रहती है.

बेटी के करतूत से पिता भी दुखी : ललिता देवी के पिता जमजोरी निवासी खगेश महतो ने बताया कि उसे अपनी बेटी की करतूत ने काफी दुख पहुंचाया है. कैसे एक मां अपने बच्चों की निर्मम हत्या कर सकती है. पहले भी वह लड़ाई-झगड़ा कर जमजोरी आ जाती थी. इधर मामले में ससुर हीरा मंडल ने घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी है. ललिता के खिलाफ भादवि की दफा 302 एवं 201 के तहत मामला दर्ज हुआ है.

शिकारीपाड़ा में भी हुई थी ऐसी घटना : शिकारीपाड़ा में भी इसी तरह की घटना हुई थी. दोनों में कई बातें समान हैं. दोनों महिलाओं के तीन-तीन बच्चे थे, जिनमें घटना के वक्त दो बच्चे उनके साथ थे, जिनकी मौत हो गयी. दोनों के पति बाहर काम करते थे. दोनों ने अपने बच्चों को पानी में डूबोकर ही निर्ममता से मारा और घटना को पहले छिपाया. दोनों घटना के चंद घंटे के बाद ही धर दबोची गयीं.

ब्रेन में सेरोटोनिन घटने-बढ़ने से मनुष्य करता है ऐसा व्यवहार : सरैयाहाट में जिस तरह की यह घुटना हुई या फिर शिकारीपाड़ा में, यह एक असामान्य व्यवहार है. इसके पीछे का कारण है अनुवांशिकता व पर्यावरण. मनोवैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि मस्तिष्क में रासायनिक पदार्थ के उपद्रव के मानसिक विकृति पैदा होती है. मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक रसायन पाया जाता है. जिसकी मात्रा मस्तिष्क में कम या अधिक होती है तो इससे व्यक्ति विषाद अर्थात डिप्रेशन की स्थिति में जाने लगता है. व्यक्ति के अंदर संवेगात्मक उत्तेजना का शिकार हो जाता है तथा संवेगात्मक उपद्रव की अवस्था में गैर सामाजिक व्यवहार कर बैठता है. कम उम्र में शादी, पारिवारिक बोझ उठाने के लिए मानसिक रूप से तैयार न रहने जैसे कारण भी इस तरह के विषाद को बढ़ाते हैं.
डॉ अखिलानंद पाठक, मनोवैज्ञानिक, सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, एसकेएम विश्वविद्यालय.

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