Dhanbad News : कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) ने सामाजिक सुरक्षा को समय पर सुलभ बनाने के लिए ‘प्रयास’ (प्रोम्ट रिज़ॉल्यूशन फॉर असुर्य एक्सेस टू सोशल सिक्योरिटी) नामक पहल की शुरुआत की है. उद्देश्य लंबित मामलों को शून्य स्तर तक लाकर ‘जीरों पेंडेंसी’ हासिल करना है. बता दें कि सीएमपीएफ का दीर्घकालिक लक्ष्य है कि ‘जीरों पेंडेंसी’ की प्राप्ति कर कोयला क्षेत्र के श्रमिकों और उनके परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का समयबद्ध लाभ दिलाना है.
देश भर में पहुंचेगा कोठागुडेम से शुरू मॉडल :
सीएमपीएफ के कोठागुडेम क्षेत्रीय कार्यालय से शुरू इस पहल को विभिन्न हितधारकों से सराहना मिली है. इसके बाद सीएमपीएफ के आयुक्त के निर्देश पर अब इस मॉडल को पूरे देश के क्षेत्रीय कार्यालयों में लागू किया जा रहा है. इस संबंध में सीएमपीएफ के क्षेत्रीय आयुक्त-1 (शिकायत) ने 13 जून को सभी क्षेत्रीय आयुक्तों को पत्र जारी किया है. इसमें ‘प्रयास’ के अंतर्गत हर क्षेत्रीय कार्यालय को विशेष बैठकें आयोजित करने को कहा गया है. इन बैठकों में कोल कंपनियों व सीएमपीएफ के अधिकारी के साथ-साथ अन्य संबंधित कर्मचारी भी शामिल होंगे. बैठक का उद्देश्य लंबित दावों के त्वरित और समयबद्ध निपटान को सुनिश्चित करना है.एक सप्ताह के भीतर बैठक, रिपोर्ट भेजी जायेगी मुख्यालय :
जारी पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पहली ‘प्रयास’ बैठक पत्र जारी होने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर आयोजित की जाये. बैठक के निष्कर्षों की रिपोर्ट सीएमपीएफ मुख्यालय को भी भेजनी है. क्षेत्रीय कार्यालयों और कोयला कंपनियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक समन्वय समिति का गठन करना है. उद्देश्य न केवल प्रक्रियाओं को त्वरित बनाना है, बल्कि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी बढ़ाना है.सेवानिवृत्त सदस्यों के दावे होंगे पहले से तैयार :
सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों के भविष्य निधि व पेंशन दावों की प्रक्रिया सेवानिवृत्ति से छह महीने पूर्व ही शुरू कर दी जायेगी. इसके लिए संभावित सेवानिवृत्त सदस्यों की सूची तैयार कर उन्हें बैठकों में प्रस्तुत किया जायेगा, ताकि दावे की राशि समय पर जारी की जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है