गुरुवार को स्थानीय एक होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में समिति के सदस्यों ने बताया कि 81 सदस्यों ने मिल कर टेक्सटाइल मार्केट का निर्माण करवाया. सुरेश खेतान केे व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण मार्केट बंद हो गया. टेक्सटाइल मार्केट के खुलवाने के नाम पर प्रत्येक सदस्य से डेढ़ लाख रुपये की मांग की जा रही है. एक सप्ताह में राशि नहीं देने पर सदस्यता रद्द करने की धमकी दी जा रही है. राशि कहां खर्च हो रही है, इसकी जानकारी भी सदस्यों को नहीं दी जा रही है.
यह कुछ लोगों की पॉकेट संस्था बन गयी है. यह लोग नहीं चाहते ही टेक्सटाइल मार्केट खुले. कोर्ट का 70 लाख खर्च दिखाया जा रहा है. अब एक करोड़ किसी को देने की बात की जा रही है लेकिन किसे देना है, यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा है. सभी सदस्यों को नोटिस दिया गया है. सप्ताह भर में पेमेंट करने को कहा गया है. नहीं देने पर दुकान का आवंटन रद्द करने की धमकी दी गयी है. जो समिति के सदस्य नहीं हैं उनसे 46 हजार रुपया मांगा गया है. समिति की 14 एकड़ जमीन ठीक मार्केट के पीछे है. अब यह लोग उस जमीन पर भी बुरी नजर रखे हुए हैं. अब इनकी मनमानी नहीं चलने दी जायेगी. सभी सदस्य इसका जोरदार विरोध करेंगे. जरूरत पड़ी तो उच्च अधिकारियों से मिलकर मामले की जानकारी दी जायेगी.