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नवजात की मौत पर पीएमसीएच में हल्ला-हंगामा, शव के साथ प्रदर्शन

धनबाद : पीएमसीएच के ब्लड बैंक के कर्मियों की लापरवाही के कारण एक नवजात की जान चली गयी. वहीं प्रसूता की स्थिति भी गंभीर है. नवजात की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. डॉक्टरों व कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाकर सरायढेला थाना में शिकायत की. परिजनों ने नवजात (बच्ची) के शव के साथ […]

धनबाद : पीएमसीएच के ब्लड बैंक के कर्मियों की लापरवाही के कारण एक नवजात की जान चली गयी. वहीं प्रसूता की स्थिति भी गंभीर है. नवजात की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. डॉक्टरों व कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाकर सरायढेला थाना में शिकायत की. परिजनों ने नवजात (बच्ची) के शव के साथ रणधीर वर्मा चौक पर प्रदर्शन किया. दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. पीएमसीएच अधीक्षक व स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा राय को भी आवेदन कर कार्रवाई की मांग की गयी.

क्या है मामला : बिनोद नगर हीरापुर निवासी मंटू कुमार की पत्नी सोनाली देवी (27) को प्रसव पीड़ा के बाद शुक्रवार की शाम पीएमसीएच में भरती कराया गया. पेट में जुड़वा बच्चे थे. डॉक्टरों ने प्रसूता की जांच कर ब्लड चढ़ाने की बात कही. पीएमसीएच के ब्लड बैंक को इसका सैंपल दिया गया. यहां सैंपल जांच के लिए ब्लड बैंक के कर्मियों की घोर लापरवाही दिखी. पति मंटू ने बताया कि सैंपल के बाद पत्नी का ग्रुप बी नगेटिव बता दिया गया.
ब्लड बैंक के कर्मियों ने निगेटिव ग्रुप का ब्लड होने के कारण बाहर से जुगाड़ करने को कह दिया. परिजन रात आठ बजे से सुबह चार बजे तक धनबाद के सभी ब्लड बैंकों में बी निगेटिव ब्लड खोजते रहे. लेकिन कहीं नहीं मिला. धनसार स्थित चक्रवर्ती ब्लड बैंक के कर्मियों ने सैंपल की जांच की, तो पता चला कि सैंपल बी निगेटिव नहीं, बल्कि ए पॉजिटिव है. फिर मंटू पीएमसीएच के ब्लड बैंक पहुंचा. उसने बताया कि कर्मियों को जब गलती का पता चला तो तत्काल परची में अंकित बी निगेटिव को काट कर ए पॉजिटिव कर दिया. तब तक सुबह के चार बज चुके थे. मंटू ठेला, खोमचा लगा कर जीवन यापन करता है. यह पत्नी की तीसरी डिलिवरी है. इससे पहले दो बच्चे हैं.
एक करोड़ खर्च, लेकिन गर्भवती को नहीं मिला ब्लड : जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत प्रसव के लिए आने वाली सभी महिलाओं को नि:शुल्क व बिना डोनर के ही ब्लड उपलब्ध कराना है. लेकिन पीएमसीएच में योजना का पालन नहीं किया जाता है. यहां आने वाले गर्भवती महिलाओं के परिजनों से डोनर लाने को कहा जाता है. इससे परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. योजना के तहत एक करोड़ रुपये सरकार पीएमसीएच को देती है. लेकिन न सभी को खून मिल पाता है, न दवा.
थाने में लापरवाही की शिकायत दोषियों पर कार्रवाई की मांग
ए पॉजिटिव खून था, लाने को कह दिया बी निगेटिव, रात भर चक्कर लगाते रहे परिजन
भैंसुर व पड़ोसी ने दिया ब्लड, दो में से एक नवजात ने तोड़ा दम
सुबह 4.30 बजे सोनाली के भैंसुर राजेश कुमार, पड़ोसी सुभाष श्रीवास्तव ने रक्त दिया. पीएमसीएच के ब्लड बैंक ने एक यूनिट ब्लड दिया. तीन यूनिट ब्लड के बाद 5.10 बजे सोनाली की डिलिवरी करायी गयी. इसमें एक नवजात (बच्ची) की मौत हो गयी, वहीं दूसरे नवजात (बेटा) की जान बच पायी. सोनाली की स्थिति काफी गंभीर हो गयी.
मंटू ने बताया कि डॉक्टरों ने परिजनों के साथ ठीक व्यवहार भी नहीं किया. इसके बाद सरायढेला थाना, अधीक्षक व संबंधित विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की गयी. नवजात का शव लेकर परिजन रणधीर वर्मा चौक चले गये. वहां दोषियों पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन से मांग की गयी. इस दौरान परिजन रोते-बिलखते रहे. परिजनों का साथ भाजपा नेत्री सोनी सिंह, शिव शंकर चौरसिया आदि थे.
परिजनों का दावा-जीवित थी बच्ची
मंटू ने बताया कि डिलिवरी के वक्त उसकी बच्ची जीवित थी. वह अपना हाथ पैर हिला-डुला रही थी. जन्म के कुछ देर बात उसकी मौत हुई है. जबकि डॉक्टरों का कहना था कि रात में ही बच्ची ने दम तोड़ दिया था. यह पूरी तरह से लापरवाही का नतीजा है. डिलिवरी से पहले दर्द नहीं होने की दवा सोनाली को दी गयी थी, लेकिन सुबह में डिलिवरी के लिए दर्द की सूई दी गयी. तब जाकर प्रसव कराया गया. वहीं, मंटू ने बताया कि उसने अच्छा किया कि सैंपल को अपने साथ रखा, जहां बाहर के ब्लड बैंक वाले ने सैंपल चेक कर बताया कि यह ए पाजिटिव है.

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