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उदारीकरण की नीति से बढ़ा है मजदूरों का शोषण

धनबाद: भारतीय मजदूर संघ का 17 वां त्रैवार्षिक तीन दिवसीय राष्ट्रीय महाधिवेशन जयपुर के सूरज मैदान में शुक्रवार को शुरू हुआ. उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने किया. सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देश के 40-45 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. मजदूरों से 14-15 घंटे काम लिया जा […]

धनबाद: भारतीय मजदूर संघ का 17 वां त्रैवार्षिक तीन दिवसीय राष्ट्रीय महाधिवेशन जयपुर के सूरज मैदान में शुक्रवार को शुरू हुआ. उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने किया.

सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देश के 40-45 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. मजदूरों से 14-15 घंटे काम लिया जा रहा है. उन्होंने भामसं को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि संघ को वर्तमान परिस्थिति के अनुसार काम करना होगा. भामसं का यह लक्ष्य होना चाहिए कि कोई भी श्रमिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा से वंचित न रह जाये. अध्यक्षता कर रहे भामसं के अध्यक्ष सीके साजी नारायण ने मजदूर बचाओ-देश बचाओ का नारा दिया. कहा दो दशक से चल रही उदारीकरण की नीति से मजदूरों का शोषण बढ़ा है. नियोजन पर प्रतिबंध लग गया है. उन्होंने कहा कि आइटी क्षेत्र के उद्योगपति बिना श्रमिक वाला उद्योग लगाने पर विचार कर रहे हैं.

केंद्र सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि श्रम कानून लागू न हो पाये. इसके खिलाफ सभी मजदूर संगठनों को एक साथ आना होगा. उद्घाटन सत्र में आइएलओ के भारत में निदेशक श्रीमती तेनू ने कहा आज बिना पैसा के काम लेने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. इस पर श्रमिक संगठन ही अंकुश लगा सकते हैं. नेपाल श्रमिक संघ के महामंत्री लक्ष्मी भट्ट, इंटक के जगदीश राव श्रीमाली, एटक के अमरजीत कौर, एचएमएस के हर भजन सिंह संधु (महामंत्री), सीटू के देवराम और टीयूसीसी के एसपी तिवारी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया. स्वागत गोपाल शर्मा ने किया. महाधिवेशन में झारखंड प्रदेश भामसं के महामंत्री पीएन ओझा, मंत्री हरि लाला साव, अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री प्रदीप दत्त, धनबाद कोलियरी संघ के अध्यक्ष बिंदेश्वरी प्रसाद , महामंत्री गोराचंद चटर्जी, कोषाध्यक्ष ज्ञान चंद राठौर समेत कई नेता पहुंचे हैं.

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