23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अपनों ने ठुकराया, लालमणि वृद्धाश्रम ने अपनाया

धनबाद: मां-बाप एक कमरे के मकान में अपने बच्चों को पालन पाेषण करते हैं. मगर जब बच्चों की जब बारी आती है तो मां-बाप उन्हेें बोझ लगने लगते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है टुंडी में बने लालमणि वृद्धा आश्रम में रह रहे लाचार लोगों की. किसी को बेटों ने घर से निकाला तो किसी […]

धनबाद: मां-बाप एक कमरे के मकान में अपने बच्चों को पालन पाेषण करते हैं. मगर जब बच्चों की जब बारी आती है तो मां-बाप उन्हेें बोझ लगने लगते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है टुंडी में बने लालमणि वृद्धा आश्रम में रह रहे लाचार लोगों की. किसी को बेटों ने घर से निकाला तो किसी को बहू ने तंग किया. किसी के भतीजे ने पीटा तो किसी की बेटी विदेश जाकर रहने लगी.

दो साल पहले नुनूडीह मोहन बाजार के रहने वाले कृष्णानंद सिंह और राजेश्वरी देवी को उनके बच्चों ने घर से निकाल दिया. इसके बाद बुजुर्ग दंपत्ति आश्रम की शरण आ गये. राजेश्वरी देवी कहती हैं कि वह इस आश्रम में बहुत खुश हैं. बस कभी-कभी अपने पोतों-पोतियों को देखने का मन करता है. जबकि डेढ़ साल पहले आश्रम में आयी झरिया निवासी कमला देवी डे बताती हैं कि बहू के तंग करने पर घर छोड़ कर यहां आ गयी. लालमणि आश्रम ने हम बेसहारों को सहारा दिया है. आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी कहते हैं कि हमारे वृद्धा आश्रम में हर उस मां- बाप का स्वागत है, जो अपने बच्चों द्वारा प्रताड़ित हैं.

तीन दोस्तों ने मिल कर की शुरुआत
2006 में तीन दोस्तों ने मिलकर बातों ही बातों में लालमणि आश्रम की शुरुआत की थी. आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी बताते हैं कि वह और उनके दो दोस्त मनोरंजन सिंह और रामधनी यादव ने मिल कर इस आश्रम की शुरुआत की थी. बच्चों द्वारा घर से निकाले गये मां-बाप को आसरा मिला. दोनों दोस्त तो इस दुनिया में नहीं हैं, मगर नौशाद अकेले ही उनके सपने को साकार करने में लगे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें