धनबाद : बीसीसीएल में आउटसोर्सिंग से कोयला खनन की परंपरा ने कोयलांचल में एक नयी तसवीर गढ़ने का काम किया है. वर्तमान में अाउटसोर्सिंग कंपनियों में श्रमिक संगठनों व राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेताओं से लेकर कोलियरी क्षेत्रों के छुटभैया नेता, विधायक-मंत्री से लेकर मुखिया-पार्षद, थानेदार-इंस्पेक्टर से लेकर डीएसपी और विभिन्न अखबारों और कथित न्यूज चैनलों के पत्रकार तक आउटसोर्सिंग के कारोबार में हिस्सेदार हैं. जिन कोलियरी क्षेत्रों में आउटसोर्सिंग कंपनियां चल रही हैं, वहां के स्थानीय बीसीसीएल के छोटे-बड़े कई अधिकारी तो आउटसोर्सिंग कंपनियों के मैनेजर की भूमिका में हैं. बीसीसीएल के स्थानीय अधिकारियों के तो दोनों हाथों में लड्डू है.
एक ओर बीसीसीएल से मासिक वेतन, तो दूसरी ओर आउटसोर्सिंग कंपनियों से मिलने वाला चढ़ावा. ऐसे में समाज के विभिन्न तबकों को मैनेज कर चुकी आउटसोर्सिंग कंपनियां खनन और श्रम संबंधी तमाम नियम-कानून को ताक पर रख कर दोनों हाथों से मुनाफा कमाती हैं. आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालकों व अधिकारियों के बीच सांठगांठ का एक ऐसा ही मामला बीसीसीएल के लोदना एरिया में प्रकाश में आया है. यहां आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स सुशी इंफ्रा को लाभ पहुंचाने के लिए एरिया प्रबंधन ने टेंडर के विरुद्ध जाकर आउटसोर्सिंग कंपनी की मशीनरी क्षमता के अनुसार वर्क शेड्यूल तैयार किया है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो अब सीएमडी की मुहर लगना शेष है.
क्या है मामला : बताते हैं कि बीसीसीएल के लोदना एरिया में कोयला खनन करने के लिए मेसर्स सुशी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को एलओए नंबर- बीसीसीएल/जीएम/सीएमसी/एफ-एलओए/मेगा पैच डी-जयरामपुर-लोदना एरिया/2015/818, दिनांक 16 जून 2015 को 41,94,60,80,377 रुपये का कार्य आवंटित किया गया. इसके तहत मेसर्स सुशी इंफ्रा कंपनी को आठ वर्षों में 32.50 करोड़ क्यूबिक मीटर ओबी व 2.74 करोड़ एमटी कोयला खनन करना है. एनआइटी के मुताबिक मेसर्स सुशी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को प्रत्येक वर्ष 4.06 क्यूबिक मीटर ओबी व 34 लाख एमटी कोयला खनन करना है, लेकिन लोदना एरिया के अधिकारियों द्वारा आउटसोर्सिंग कंपनी के साथ सांठगांठ कर इस कार्य को करने के लिए एनआइटी के विरुद्ध वर्क शेड्यूल तैयार किया गया है, ताकि सुशी इंफ्रा कंपनी को करोड़ों रुपये का लाभ पहुंचाया जा सके. सुशी इंफ्रा कंपनी को जिले के एक प्रभावशाली विधायक के भाई की कृपा प्राप्त है.
वर्क शेड्यूल में छेड़छाड़ : एनआइटी के मुताबिक आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स सुशी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को प्रतिमाह 34 लाख क्यूबिक मीटर ओबी व 2.85 लाख एमटी कोयला उत्खनन करना है, लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनी ने लोदना एरिया के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर वर्ष 2016-17 यानी नवंबर 2016 से मार्च 2017 तक 27 लाख क्यूबिक मीटर ओबी व दो लाख एमटी कोयला और वर्ष 2017-18 यानी अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक 2.67 करोड़ क्यूबिक मीटर ओबी व 23 लाख एमटी कोयला उत्खनन का वर्क शेड्यूल अनुमोदित करवा लिया है. जबकि एनआइटी के मुताबिक साल 2016-17 में 1.70 करोड़ क्यूबिक मीटर ओबी व 14 लाख एमटी कोयला व साल 2017-18 में 4.06 करोड़ क्यूबिक मीटर ओबी व 34 लाख एमटी कोयला उत्खनन करना है. लेकिन अधिकारियों ने गलत ढंग से वर्क शेड्यूल बना दिया है. इसकी जांच हो तो कितने अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है, हालांकि वर्क शेड्यूल पर अभी सीएमडी की मुहर लगना शेष है.
शेड्यूल के मुताबिक मशीनरी नहीं
आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स सुशी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास एनआटी व वर्क शेड्यूल के मुताबिक कोयला व ओबी का क्वांटिटी निष्पादन करने के लिए प्रर्याप्त मात्रा में मशीनरी नहीं है. आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रभाव में एरिया प्रबंधन ने वर्ष 2016-17 और 2017-18 के दो वर्षों में ओबी (ओवर बर्डन) और कोयला की क्वांटिटी को शेड्यूल से काफी कम कर दिया है, ताकि एनआइटी के मुताबिक आउटसोर्सिंग कंपनी को मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए अत्यधिक समय मिल जाये. बताते हैं कि एनआइटी के मुताबिक काम करने के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी के पास पांच क्यूबिक मीटर क्षमता के 20 एक्सवेटर, 60 टन क्षमता के 100 डंपर, 320 एचपी क्षमता के 20 डोजर और 10 वाटर टैंकर की जरूरत है. कंपनी अपने वर्क शेड्यूल के मुताबिक सालाना 4.06 करोड़ क्यूबिक मीटर ओबी व 34 लाख एमटी कोयला उत्खनन कर पायेगी. लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनी सुशी इंफ्रा के पास काम करने के लिए पांच क्यूबिक मीटर क्षमता का तीन एक्सवेटर, 60 टन क्षमता के 15 डंपर और 320 एचपी क्षमता के दो डोजर ही कार्य में लगाया गया है. अन्य जरूरत की मशीनरी कंपनी के पास उपलब्ध नहीं है. आउटसोर्सिंग कंपनी के पास जो मशीनरी उपलब्ध है, उसके मुताबिक कंपनी छह लाख ओबी व कोयला प्रतिमाह उत्खनन कर सकती है.
एनआइटी के मुताबिक हो रहा कार्य
मेसर्स सुशी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड एनआइटी के मुताबिक काम कर रही है. एनआइटी के विरुद्ध जाकर कोई कार्य नहीं हो रहा है. सुशी कंपनी को आठ साल के लिए वर्क अवार्ड किया गया है, उसके मुताबिक ही प्रत्येक साल उसे ओबी व कोयला उत्खनन करना है. जहां तक वर्क शेड्यूल में बदलाव की बात है तो उसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई है. हालांकि अभी तक वर्क शेड्यूल पर कंपनी सीएमडी की मुहर नहीं लगी है.
प्रकाश चंद्रा, महाप्रबंधक, लोदना एरिया, बीसीसीएल