शहरी अनुज्ञप्ति नियमावली 2013 के तहत की गयी कार्रवाई
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बिना लाइसेंस के चल रहे तीन विवाह स्थल सील
शहरी अनुज्ञप्ति नियमावली 2013 के तहत की गयी कार्रवाई धनबाद : नगर निगम ने मंगलवार को गोपाला विवाह स्थल (कुसुम विहार), सुभद्रा वाटिका (भूईंफोड़) और शुभ विवाह (शिवपुरी, भूईंफोड़) को सील कर दिया. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने व प्रोपर्टी टैक्स नहीं देने के आलोक में शहरी अनुज्ञप्ति नियमावली 2013 के तहत यह कार्रवाई की गयी. नगर […]
धनबाद : नगर निगम ने मंगलवार को गोपाला विवाह स्थल (कुसुम विहार), सुभद्रा वाटिका (भूईंफोड़) और शुभ विवाह (शिवपुरी, भूईंफोड़) को सील कर दिया. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने व प्रोपर्टी टैक्स नहीं देने के आलोक में शहरी अनुज्ञप्ति नियमावली 2013 के तहत यह कार्रवाई की गयी. नगर आयुक्त रमेश घोलप के नेतृत्व में तीनों विवाह भवनों को सील किया गया. इस दौरान उप नगर आयुक्त अनिल कुमार यादव, टैक्स दारोगा विंध्याचल यादव आदि भी थे.
65 संस्थानों ने लाइसेंस के लिए आवेदन दिया : 65 संस्थानों ने नगर निगम में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. 15-16 में 25 संस्थानों ने लाइसेंस लिया. जबकि 16-17 में 42 संस्थानों ने लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. निगम क्षेत्र में लगभग दो हजार संस्थान हैं.
क्या है प्रावधान : शहरी अनुज्ञप्ति नियमावली 2013 के तहत धर्मशाला, विवाह भवन, वैंक्यूट हॉल व हॉस्टल आदि के लिए प्रोपर्टी टैक्स अनिवार्य किया गया है. इस एक्ट के तहत सबसे पहले संस्थानों को निगम में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. एक हजार से लेकर 15 हजार तक लाइसेंस शुल्क निर्धारित है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बाद संबंधित संस्थानों की जांच होगी. जांच के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जायेगा. इसके बाद सालाना शुल्क का प्रावधान है. वर्ष 2010 से प्रोपर्टी टैक्स जोड़ा जायेगा.
संस्थानों में क्या-क्या होना अनिवार्य : अग्निशामक यंत्र, फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंचने का रास्ता, लेडीज व जेंट्स शौचालय, किचेन में चिमनी की व्यवस्था, वाटर की सुविधा सहित 13 तरह की सुविधा.
क्या है सालाना शुल्क
धर्मशाला (5000 वर्ग फुट तक) 1000 रु
धर्मशाला (5000 वर्ग फुट से अधिक) 1500 रु
विवाह भवन (5000 वर्ग फुट तक) 10,000 रु
विवाह भवन (5000 वर्ग फुट से अधिक) 15,000 रु
लॉज (1 से 10 बेड) 1000 रु
लॉज (11 से 20 बेड) 1500 रु
लॉज (21 से 50 बेड) 2000 रु
लॉज (50 से अधिक बेड) 2500 रु
नोट : लॉज के शुल्क की तरह होटल का भी शुल्क लगेगा.
गोपाला, सुभद्रा वाटिका व शुभ विवाह को किया गया सील
धर्मशाला, होटल व विवाह भवन, लॉज आदि प्रोपर्टी टैक्स के दायरे में आते हैं. 2015 व 2016 में लगातार नोटिस देने के बाद भी संस्थानों ने निगम में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. वैसे संस्थानों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने निगम में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है.
रमेश घोलप, नगर आयुक्त, धनबाद
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