धनबाद: गल्फरबाड़ी ओपी क्षेत्र से रविवार की अहले सुबह 26 बच्चों को बचाया गया. सभी बच्चों को तीन गाड़ियों (मार्शल, नैनो, मारुति वैन) में जानवरों की तरह ठूंस कर पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था. इस सिलसिले में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. जिनमें तीन चालक, एक वार्डन व एक हॉस्टल के शिक्षक हैं. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है. इधर, चाइल्ड लाइन की टीम ने सभी बच्चों को रविवार दोपहर को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया.
इस दौरान जब स्कूल व्यू हॉस्टल, मैक्लूस्कीगंज की वार्डन बी गोम्स से पूछताछ की गयी तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. बताया कि सभी होस्टल के बच्चे हैं, जिन्हें दार्जिलिंग ट्रिप पर ले जा रहे थे. तीन-चार दिनों का ट्रिप है. जब पूछा गया कि दार्जिलिंग में कौन सा हॉटल बुक कराया और गाइड कौन होगा तो कहा गया कि कोई होटल बुक नहीं कराया था. हॉस्टल से शनिवार दोपहर ढाई बजे निकले थे. रेस्क्यू किये गये बच्चों की उम्र 5-13 वर्ष के हैं. 26 में 16 बच्चे डॉन बॉस्को स्कूल, सात बच्चे टेंडर हर्ट एवं तीन बच्चे जैनट एकेडमी के हैं.
रेस्क्यू किये गये बच्चों में दो बच्चे वार्डन बी गोम्स व हिरासत में लिये गये उसके पति क्लेटन गोम्स के हैं. समिति की चेयरपर्सन नीता सिन्हा ने बताया कि वार्डन का जवाब संतोषजनक नहीं है. हर बच्चे की एक-एक कर काउंसिलिंग की जा रही है. बच्चों को उनके मां-बाप को ही संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के बाद सौंपा जायेगा.