धनबादः आइएसएम को आइआइटी का दर्जा दिलाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंगलवार को पांच हजार पत्र भेजे गये. ये पत्र आइएसएम छात्र-छात्राओं ने संस्थान परिसर के डाक घर से डिस्पैच किये. पत्र के साथ छात्रों ने वोटर पहचान पत्र भी भेजा है. कार्यक्रम स्थल पर स्लोगन लिखा था – इट्स नो रिक्वेस्ट, इट्स नो ऑर्डर, इट्स जस्टिस.
नरेंद्र मोदी से मिलेंगे : आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र शशांक, राजवंश, केशव और अंकित ने बताया संसद के शीतकालीन सत्र में अगर आइएसएम को आइआइटी का दर्जा देने का फैसला नहीं हुआ तो संस्थान के पांच हजार स्टूडेंट्स अपने परिवार सहित कांग्रेस को वोट नहीं देंगे. संस्थान हित में अपने यहां के पूर्ववर्ती छात्रों को भी इसके लिए अपील करेंगे. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में वादाखिलाफी की है. शशांक ने कहा कि कांग्रेस ने छात्रों के साथ छल किया है. वे इस मांग को लेकर शीघ्र ही भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे.
भेजेंगे 50 हजार पत्र : एक दिसंबर तक 50 हजार ऐसे पत्र राहुल गांधी को भेजे जायेंगे. पिछले एक माह से यह अभियान चल रहा है. मांग के समर्थन में 50 सांसदों का पत्र भी एमएचआरडी को डिस्पैच करना है. बीस सांसदों का पत्र अब तक भेजा जा चुका है. छात्रों ने बताया कि उनकी इस मांग को कुल दो सौ सांसदों का समर्थन प्राप्त है. दिल्ली जंतर-मंतर में धरना के दौरान बीस सांसदों ने उनसे मिल कर मांगों के प्रति नीतिगत समर्थन दिया था. उन्होंने बताया कि चाहे जैसे भी हो, इस मांग के लिए वह धनबाद से लेकर दिल्ली तक आंदोलन तेज करेंगे. अगर शीतकालीन सत्र में फैसला नहीं हुआ तो इसके बाद एक साल से ऊपर लग जायेंगे. क्यों कि नयी सरकार अगर कांग्रेस की नहीं रही तो मामले को समझने में एक साल लगायेगी.