धनबाद: मटकुरिया स्थित भुवन कारा गौशाला का हाल बुरा है. पहले जिले में इसका एक स्थान था. लेकिन अब किसी तरह चल रही है. अभी 11 लोगों के भरोसे 76 पशु हैं. उनकी देखभाल के लिए खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है.
लेकिन कभी वे दिन भी थे जब इस गौशाला में सालों भर पशुओं की लाइन लगी रहती थी. गो सेवा के लिए भी बड़ी संख्या में लोग आते थे. अभी जिसे जो बनता है , दे जाता है, उसी से काम चलता है.
यहां के प्रबंधक सह पशु चिकित्सक गोपाल मिश्र बताते हैं कि एक पशु पर प्रतिदिन कम से कम दो सौ रुपये खर्च है, जबकि आमदनी महज 60 से 70 रुपये ही दूध से होती है. ऐसे में दान के पैसे से ही चारा और अन्य मद में खर्च होते हैं. इसके अलावा गोशाला के गेट पर 16 दुकान है, उससे भाड़ा आता है. बताया कि यहां पिछले साल गोपाष्टमी के मौके पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस साल बस्ताकोला में कार्यक्रम हुआ . एक साल बीचकर समारोह यहां होता है.