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कोलकर्मियों को 45 या 50 हजार बोनस!
धनबाद. कोलियरियों का हाजिरी घर हो या चाय की दुकान या फिर कंपनी मुख्यालय कोयला भवन का गलियारा. जहां भी दो-चार कोल कर्मी मिले. बस बोनस पर चर्चा शुरू. 45- 50 हजार मिलेगा या इससे अधिक. बोनस पर सस्पेंस बरकरार है. इस बार मजदूर नेताओं ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. कोयला कर्मचारी खुद […]
धनबाद. कोलियरियों का हाजिरी घर हो या चाय की दुकान या फिर कंपनी मुख्यालय कोयला भवन का गलियारा. जहां भी दो-चार कोल कर्मी मिले. बस बोनस पर चर्चा शुरू. 45- 50 हजार मिलेगा या इससे अधिक. बोनस पर सस्पेंस बरकरार है. इस बार मजदूर नेताओं ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. कोयला कर्मचारी खुद अनुमान लगाने में व्यस्त हैं.
बुधवार को दिल्ली में कोल इंडिया स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक होनी है. जिसमें बोनस पर समझौता की संभावना है. बैठक में शामिल होने के लिए मजदूर नेता राजेंद्र सिंह, एसक्यू जामा (इंटक), प्रदीप कुमार दत्ता (बीएमएस), रमेंद्र कुमार (एटक), नथ्थु लाल पांडेय (एचएमएस) और डीडी रामानंदन (सीटू) आज शाम दिल्ली पहुंच गये हैं. इन्ही नेताओं में से एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि 50 हजार में तो कोई परेशानी नहीं है. प्रबंधन खुशी से तैयार हो जाएगा. हमलोगों की कोशिश इससे अधिक की है.
अच्छे बोनस की उम्मीद : मजदूर नेताओं ने चाहे जिस भी यूनियन को रहे हों, किसी ने भी इस बार यह नहीं कहा कि इतने बोनस की मांग होगी. सूत्रों के मुताबिक यूनियन नेताओं ने इस बार बोनस के लिए खास रणनीति बनाई है. नेताओं का कहना है कि इस बार अच्छा बोनस मिलेगा. बैठक में जिच की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
श्रम को कितना : डीडी रामानंदन
सीटू नेता और जेबीसीसीआइ सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा कि कोल इंडिया शेयर धारकों को 13 हजार करोड़ देती है. तो श्रम को कितना देगी. यह बड़ा सवाल है. कोयले का उत्पादन पूंजी और श्रम मिलकर करते है. उनका कहना है कि पूंजी को 13 हजार करोड़ दिये तो श्रम को इसका 20 प्रतिशत ही दें.
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