अधिवेशन को इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी, एचएमएस के महासचिव हरभजन सिंह सिद्दू, एटक के अध्यक्ष रमेंद्र कुमार, सीटू के सचिव स्वदेश देव राय ने संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि एनडीए सरकार श्रमिक विरोधी एवं पूंजीपतियों के पक्ष कानून बना रही है. महंगाई बढ़ रही है. भ्रष्टाचार के रोज नये-नये मामलों का खुलासा हो रहा है. वक्ताओं ने दो सितंबर की हड़ताल को कोयला उद्योग मे शत प्रतिशत सफल बनाने का आह्वान किया.
मंच पर इंटक के महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह, एके झा, चंडी बनर्जी, सी त्यागराजन, पीके राय, एसक्यू जामा (सभी इंटक), नथ्थुलाल पांडेय, राजेंद्र प्रसाद सिंगा, रियाज खान, उमा शंकर सिंह (एचएमएस), बासुदेव आचार्य, डीडी राम नंदन, मानस मुखर्जी (सीटू), सोहन बाल्मीकि, लखन लाल महतो, मनोहर देशकर (एटक) मौजूद थे. अधिवेशन में 16 अगस्त को झरिया में संयुक्त अधिवेशन करने का निर्णय लिया गया. इंटक के एसक्यू जामा द्वारा जारी बयान के मुताबिक अधिवेशन मे दो हजार प्रतिनिधि शामिल थे. बीएमएस के बारे मे कहा गया कि संवादहीनता के कारण बीएमएस इस अधिवेशन मे शामिल नहीं सका.