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दीपक हत्याकांड में चार दोषी करार

धनबाद: पांच लाख रुपये फिरौती के लिए भौंरा निवासी दीपक वर्मा का अपहरण कर उसकी हत्या करने और शव छुपाने के मामले में सोमवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सच्चींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने आरोपी बेलाल अंसारी, बिरजू भुइयां, मुन्ना खान व ताजुद्दीन उर्फ चामू को भादवि की धारा 302 व 201 में […]

धनबाद: पांच लाख रुपये फिरौती के लिए भौंरा निवासी दीपक वर्मा का अपहरण कर उसकी हत्या करने और शव छुपाने के मामले में सोमवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सच्चींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने आरोपी बेलाल अंसारी, बिरजू भुइयां, मुन्ना खान व ताजुद्दीन उर्फ चामू को भादवि की धारा 302 व 201 में दोषमुक्त कर दिया, लेकिन भादवि की धारा 364 (ए) व 120 बी में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की अगली तिथि आठ जुलाई मुकर्रर कर दी. अभियोजन की ओर से एपीपी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह भी अदालत में मौजूद थे.
क्या है मामला : भौंरा मनोहर मार्केट के बरतन व्यवसायी मोहन वर्मा के पुत्र दीपक वर्मा 30 अप्रैल 09 को अपनी बाइक (जेएच 10क्यू 8222) से घर से निकला. जब वह घर नहीं लौटा तब उसके पिता मोहन वर्मा के फर्द बयान के आधार पर जोड़ापोखर पुलिस ने कांड संख्या 96/09 दर्ज किया. दीपक का शव डंप पहाड़ी में मिला. 31 जुलाई 09 को अपहरणकर्ता नियामतपुर पेट्रोल पंप के समीप पांच लाख रुपये फिरौती की रकम लेते हुए पकड़े गये. केस के आइओ भौरा ओपी के तत्कालीन प्रभारी उमेश राम ने आरोपियों के खिलाफ 2 नवंबर 09 को आरोप पत्र दायर किया. अदालत ने 10जून 10 को आरोपियों के विरुद्ध भादवि की धारा 302,364 (ए), 201,120 बी के तहत आरोप तय किया. अभियोजन की ओर से आठ गवाहों का परीक्षण किया गया. यह मामला एसटी केस नंबर 570/09 से संबंधित है.
प्रताड़ना में पति को दो साल की सजा, पांच बरी
दहेज प्रताड़ना के एक मामले में न्यायिक दंडाधिकारी कल्पना हजारिका की अदालत ने मोहलबनी निवासी पति किशोर कुमार महतो को भादवि की धारा 498 ए में दोषी पाकर दो वर्ष की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. वहीं सास पारो देवी, ससुर नागेंद्र नाथ महतो, देवर उत्तम महतो, गोतनी मंजू देवी व प्रियंका देवी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.2 विदित हो कि जोड़ापोखर बस्ती निवासी पेमोला देवी ने वर्ष 2011 में अपने ससुराल वालों के खिलाफ अदालत में सीपी केस 2072/11 दर्ज कराया था. वादी के अधिवक्ता रंजीत महतो फैसले के वक्त अदालत में मौजूद थे.
वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व सिपाही की वरदी फाड़ने के मामले की सुनवाई सोमवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी दिनेश कुमार मिश्र की अदालत में हुई. आरोपी भाजपा विधायक ढुलू महतो समेत राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, वसंत शर्मा, गंगा साव हाजिर थे. अभियोजन की ओर से साक्षी आरक्षी मनोज कुमार टुडू व राम वचन राम ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया. दोनों ने बताया कि यह घटना 12 मई 2013 के 12 बजे दिन की है. उस वक्त दोनों साक्षी बरोरा थाना में पदस्थापित थे. बरोरा थानेदार राम नारायण चौधरी के निर्देश पर विशेष अभियान के तहत राजेश गुप्ता के निचितपुर आवास पर छापेमारी कर उसे पकड़ा गया. राजेश को पुलिस गाड़ी पर चढ़ा कर कुछ दूर जाने के बाद ही ढुलू महतो अपने 30-40 समर्थकों के साथ चार स्कॉर्पियो पर सवार होकर आये और राजेश गुप्ता को पुलिस गाड़ी से उतार कर ले गये. बाद में पुलिस टीम कतरास थाना गयी. वहां जाकर जब्ती सूची तैयार की गयी. जिस पर राम वचन राम ने अपना हस्ताक्षर बनाया. दोनों साक्षियों ने विधायक ढुलू महतो को कोर्ट में पहचान किया.अभियोजन की ओर से एपीपी राज कुमार सिंह ने साक्षियों का परीक्षण कराया. जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता समर श्रीवास्तव, एसएन मुखर्जी व दीप नारायण भट्टाचार्य़ ने प्रतिपरीक्षण किया.
कोर्ट के आदेश के बावजूद प्राथमिकी नहीं
न्यायिक दंडाधिकारी विनय कुमार लाल की अदालत द्वारा भौंरा ओपी पुलिस को दिये गये आदेश के बावजूद दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. आदेश दिये 15 दिन बीत गये हैं. मामले में आरोपी भौंरा 19 नंबर निवासी रामाकांत जायसवारा है. आरोपी ने एक युवती को शादी का प्रलोभन देकर यौन शोषण किया. बाद में एक लाख रुपये दहेज की मांग कर शादी से इनकार कर दिया. आरोपी ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ तसवीर खिंचवायी व पांच हजार रुपये की खरीदारी भी भौंरा बाजार से की. शादी से इनकार करने पर पीड़िता ने अदालत में सीपी केस 1639 /15 दर्ज कराया था.

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