सेंट्रल अस्पताल के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनके यहां इसका निष्पादन किया जा रहा है. वहीं पीएमसीएच के प्रतिनिधियों ने बताया कि जल्द इंसीनिरेटर का काम शुरू हो रहा है. इंसीनिरेटर के माध्यम से प्रति दिन पचास किलो कचरे का निष्पादन किया जायेगा. सीएस ने सुझाव दिया कि सारे नर्सिग होम का कचरा यहां निष्पादन किया जा सकता है. लेकिन दूसरे संस्थानों का कचरा लेने से पीएमसीएच ने मना कर दिया. इसके बाद बारी आयी निजी नर्सिग होम व जांच घरों की. सबने बताया कि रामगढ़ की एक कंपनी को कचरा देते हैं. लेकिन कंपनी कचरा कहां निष्पादन करती है, इसकी जानकारी नहीं है.
वहीं कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि धनबाद के बड़ा पिछरी में उनका प्लांट लग रहा है. लेकिन सीएस ने इसे मना कर दिया. सीएस ने सभी नर्सिग होम को एक को-ऑपरेटिव बना कर इंसीनिरेटर चलाने का निर्देश दिया. इसके लिए जमीन की बीसीसीएल या राज्य सरकार से मांग की जायेगी. इंसीनिरेटर के लिए एक एकड़ जमीन चाहिए. इधर, असर्फी अस्पताल के प्रतिनिधियों ने बताया कि यदि उन्हें जमीन मुहैया करायी जाती है, तो प्लांट चलायेंगे. इधर, सीएस ने बायो वेस्ट के निष्पादन के लिए 15 दिनों के अंदर प्रपोजल देने का निर्देश दिया है. मौके पर एसीएमओ चंद्रांबिका श्रीवास्तव, सहित पीएमसीएच, सेंट्रल अस्पताल व निजी नर्सिग होम व जांच घरों के प्रतिनिधि मौजूद थे.