धनबाद: आज देश व समाज के सामने अनेकों चुनौतियां हैं. ऐसे में विद्या मंदिरों की जिम्मेवारियां भी बढ़ी हैं. सिर्फ छात्र ही नहीं, बल्कि समाज में फैल रही अपसंस्कृति के खिलाफ आम जनमानस को सजग करना होगा. ये बातें विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री दिवाकर घोष ने कही. वह शुक्रवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में विद्या भारती बिहार के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रधानाचार्य कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे. स्वामी विवेकानंद सार्ध शती(जयंती का 150 वां वर्ष) को समर्पित कार्यशाला का आयोजन किया गया है.
उन्होंने कहा कि आज युवा पैसा कमाने की अंधी दौड़ में शामिल हैं. उन्हें संवेदनशील, चरित्रवान, बलवान एवं कर्तव्यनिष्ठ बनाना है. इसलिए स्कूलों में बच्चों को संस्कार, चरित्र, अनुशासन एवं देश भक्ति का पाठ पढ़ाया जाये. इसके पूर्व उद्घाटन मां शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित व पुष्पार्चन से हुआ. स्कूल अध्यक्ष श्याम सुंदर चौधरी ने कहा कि अंधकार के खिलाफ शिक्षा का दीप जलाये रखना हम सबका कर्तव्य है. मंच संचालन लोक शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव दिलीप कुमार झा ने किया.
कौन-कौन थे उपस्थित : विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री रमेंद्र राय, सह सचिव कृपा शंकर शर्मा, प्रदेश मंत्री शशिकांत द्विवेदी, प्रदेश सचिव दिलीप कुमार झा स्कूल उपाध्यक्ष शंकर दयाल बुधिया, संगठन के पूर्णकालिक, प्रचार प्रसार प्रमुख सुजाता श्रीवास्तव व तापसी राय आदि.