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विनोद की विधवा को खादी ग्रामोद्योग संघ ने दी नौकरी

धनबाद: सिंदरी निवासी विनोद श्रीवास्तव की विधवा ममता श्रीवास्तव को खादी ग्रामोद्योग संघ ने नौकरी दे दी है. खादी ग्रामोद्योग संघ के सचिव ओमप्रकाश नारायण ने सोमवार को स्व विनोद श्रीवास्तव की पत्नी ममता को नियुक्ति पत्र सौंपा. इस दौरान श्री नारायण ने प्रभात खबर की चर्चा करते हुए कहा कि विनोद के परिवार की […]

धनबाद: सिंदरी निवासी विनोद श्रीवास्तव की विधवा ममता श्रीवास्तव को खादी ग्रामोद्योग संघ ने नौकरी दे दी है. खादी ग्रामोद्योग संघ के सचिव ओमप्रकाश नारायण ने सोमवार को स्व विनोद श्रीवास्तव की पत्नी ममता को नियुक्ति पत्र सौंपा. इस दौरान श्री नारायण ने प्रभात खबर की चर्चा करते हुए कहा कि विनोद के परिवार की स्थिति ठीक नहीं है. ममता के बच्चे नाबालिग हैं. प्रभात खबर की मुहिम पर संघ ने आर्थिक मदद का बीड़ा उठाया. कहा कि इस अखबार ने सही मायने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया. यह परिवार पिछले कई वर्षो से अभाव में जी रहा है.

गौरतलब है कि पिछले दिनों संघ का एक प्रतिनिधिमंडल विनोद के परिवार से मिला था. प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने ममता को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था. सदस्यों ने ममता व उसकी बेटी को नौक री देने की पेशकश की थी. संघ के सदस्यों ने कहा कि ममता को योग्यता के अनुसार काम दिया जायेगा. साथ ही बालिग होने के बाद उसके बच्चों को भी नौकरी दी जायेगी, ताकि बच्चे अपने पैर पर खड़ा हो सकें. नौकरी के साथ उनके परिवार को पानी-बिजली व आवास मुफ्त दिया जायेगा.

पटरी पर लौटेगी जिंदगी : बीते कुछ महीने जिस प्रकार विनोद के परिवार वालों पर भारी गुजरे, उससे ये लोग अब तक नहीं उबर पाये हैं. विनोद पाई-पाई का मुहताज हो गया था. यही वजह थी कि उसने घरेलू कार्य के लिए बेटियों को बाहर भेजा. यह निर्णय उसके गले की फांस बन गया. विनोद को बेटी बेचवा तक कहा गया. बीमारी से परेशान विनोद अवसादग्रस्त हो गया और उसकी असमय मौत हो गयी.
ममता ने कहा, प्रभात खबर की ऋणी रहूंगी
विनोद श्रीवास्तव की मौत से पहले ही उसके अपनों व समाज ने मुंह मोड़ लिया था. लोग उस पर उंगली उठा रहे थे. ममता श्रीवास्तव कहती हैं, ‘विपरीत परिस्थिति में प्रभात खबर ने मेरे परिवार का साथ दिया. आज लोग हम लोगों की मजबूरी को समझते हैं. हमें खादी ग्रामोद्योग में नौकरी की पेशकश की गयी.’ सोमवार को ममता काफी खुश थी. आज उसके हाथों में नियुक्ति पत्र था. उसने कहा कि अब उसकी बेटियों को झाड़ू-पोंछा नहीं करना पड़ेगा. वह बेटियों को पढ़ायेगी. नियुक्ति पत्र देते समय विपिन बिहारी प्रसाद, विवेकानंद गोस्वामी, अमरेश कुमार गोस्वामी, मुकेश झा, रघुराज राय आदि उपस्थित थे.

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