लोदना: हाइ पावर कमेटी द्वारा अनुशंसित मजदूरी दर से वेतन भुगतान समेत दो सूत्री मांग को लेकर सोमवार को जमसं (कुंती गुट) के समर्थकों ने लोदना क्षेत्र की नौ व छह नंबर साइडिंग में अनिश्चिकालीन कोयला ट्रांसपोर्टिग ठप कर दी. मजदूरों का कहना था कि जनवरी से अब तक कंपनी प्रबंधन द्वारा सात माह में मात्र 20 हजार रुपये अग्रिम भुगतान किया गया, जबकि एक माह का वेतन 12 हजार 64 रुपये भुगतान होना चाहिए.
राशि के अभाव में भोजन जुटाना मुश्किल हो रहा है. वर्ष 2006 से काटे गये पीएफ की राशि का कोई हिसाब नहीं है. पासबुक भी नहीं बनाया गया है. जमसं नेता ललन पासवान का कहना है कि प्रबंधन ने कई बार वार्ता व आश्वासन देकर मजदूरों के आंदोलन को दबाने का प्रयास किया. अब जब तक मांगों पर ठोस निर्णय नहीं होगा, लोदना क्षेत्र से एक छटांक कोयला बाहर जाने नहीं देंगे. बंद कराने में सुरेंद्र पासवान, प्रेम प्रकाश, संजय यादव, बबलू राय, डीएन झा, अजय, रामचंद्र आदि थे.
ट्रांसपोर्ट कंपनियों को छह लाख नुकसान : लोदना क्षेत्र के जीनागोरा, नॉर्थ व साउथ तिसरा, छह नंबर कोलियरी, गंगा फेस, केटी सेक्शन आदि कोलियरियों से आरके माइनिंग, पीएनटीसी व जिंदल कंपनियों द्वारा छह व नौ नंबर साइडिंगों में कोयला ट्रांसपोर्टिग की जाती है. ट्रांसपोर्टिग ठप होने से कंपनियों को करीब छह लाख का नुकसान होने का अनुमान है.
काम छोड़ सकती है कंपनी :कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा नयी दर से भुगतान नहीं करने पर तीनों कंपनियों के अधिकारियों की बैठक जेलगोरा गेस्ट हाउस में हुई. इस दौरान अधिकारियों ने एक स्वर से कहा कि अगर हाइ पावर कमेटी द्वारा तय की गयी दर से भुगतान नहीं मिला तो काम छोड़ने पर विचार किया जायेगा.कंपनी घाटा सह कर काम नहीं कर सकती है.