धनबाद: सरकारी स्कूल के बच्चे के साथ क्या-क्या परेशानी है. वे बेहतर क्यों नहीं कर पा रहे हैं. उनके घर या सामाजिक माहौल तो इसके लिए कहीं जिम्मेवार नहीं हैं. एक्शन रिसर्च में इन सभी बातों पर अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक अनुसंधान करेंगे. इसके साथ ही शिक्षक संबंधित बच्चों की परेशानी दूर करने का प्रयास भी करेंगे.
सर्व शिक्षा अभियान, धनबाद जल्द ही इसका खाका तैयार करने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक विभाग इसके लिए पांच शिक्षकों के नाम पर विचार कर रहा है. इनमें कुमार वंदन, दिलीप कुमार कर्ण, राजेश साहनी, मंजू शरण एवं हरेंद्र कुमार घोष शामिल हैं. इनसे विभाग ने रिपोर्ट मांगी है कि किन बिंदुओं पर ये काम करना चाहते हैं और उसका समाधान क्या हो सकता है. एडीपीओ डॉ विजय कुमार ने बताया कि एक्शन रिसर्च के लिए फंड उपलब्ध रहता है. इसमें शिक्षकों को असाइनमेंट पूरा करना होता है.
2011 में शोध में शामिल शिक्षक : वर्ष 2011 में 10 शिक्षकों को भी इस शोध कार्य में लगाया गया था. इनमें हरेंद्र कुमार घोष, राजेश सिन्हा, दिलीप कर्ण, केदारनाथ पाठक, साधन कुमार चट्टोपाध्याय, राजेश चंद्र साहनी, सरोज कुमार, ओमकार नाथ तिवारी, रवींद्र कुमार एवं राकेश लाल शामिल थे.
समाधान है मकसद
डॉ कुमार ने बताया इसमें शिक्षकों को केवल मामले की तह तक ही नहीं जाना है, उस समस्या का समाधान भी बताना है. किस बच्चे के साथ क्या परेशानी है, जिसे दूर करने के लिए क्या जरूरी कदम हो सकते हैं. वहीं शिक्षक श्री कर्ण ने बताया कि इसमें बच्चे के पास किसी चीज की कमी के कारण उसे परेशानी हो तो वह सामग्री उसे दी जा सकती है. इसके अलावा उसके घर पर जाकर अभिभावकों से बातचीत भी की जाती है.