धनबाद: मंत्रीजी रहें, हम रहें और कोई रहे न रहे. धनबाद जिला कांग्रेस का कुछ ऐसा ही हाल है. जिला कमेटी छह महीने से मात्र अध्यक्ष के सहारे चल रही है. 20 जनवरी को अधिवक्ता ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह का जिलाध्यक्ष के पद पर मनोनयन हुआ.तब से कमेटी वन मैन शो बनी हुई है. जिला कमेटी से लेकर प्रखंड व नगर कमेटी के अध्यक्षों का मनोनयन लटका हुआ है.
ब्रजेंद्र सिंह को मंत्री राजेंद्र सिंह का खासमखास माना जाता है. राजेंद्र सिंह की नेतृत्ववाली इंटक व आरसीएमएस में भी ब्रजेंद्र सिंह अहम पदों पर है. एक प्रकार से जिला कमेटी पर राजेंद्र सिंह की ही पकड़ है. इससे कांग्रेस का एक तबका नाराज चल रहा है. बगैर जिला कमेटी के ही लोकसभा का चुनाव संपन्न हो गया. लोकसभा चुनाव का हवाला देकर ही जिला कमेटी का गठन नहीं किया गया. इसके बाद जिलाध्यक्ष ने दावा किया था कि जून माह के पहले सप्ताह में ही कमेटी की सूची जारी कर दी जायेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिर कहा गया कि जुलाई में प्रदेश अध्यक्ष धनबाद दौरे पर आकर जिला कमेटी की घोषणा करेंगे.
पार्टी की प्रदेश कमेटी ने 23 जुलाई को धनबाद में जिला स्तरीय कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन करने का निर्णय लिया. सम्मेलन में प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के मंत्रियों के शामिल होने की बातें कहीं गयी. सम्मेलन की तिथि बदलकर 26 जुलाई किया गया. फिर ईद का आधार बना अगस्त में सम्मेलन करने की बात कही गयी. अब नयी तारीख 12 अगस्त है. जानकारों का कहना है कि कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर गुटबाजी चल रही है. प्रदेश कमेटी का भी पुर्नगठन होना है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पुर्नगठित सूची को मंजूरी दे दी है. राज्यस्तर पर गुटबाजी के कारण सूची जारी नहीं हो पा रही है.