धनबाद : वित्तीय वर्ष 2023-24 तक पीरपैंती और मंदार पर्वत काेल ब्लॉक से उत्पादन शुरू हो सकता है. इसके लिए सीएमपीडीआइ ने डीपीआर भी तैयार कर ली है. इस बाबत शनिवार को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन में सीएमडी पीएम प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में सीएमपीडीआइ ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से दोनों कोल ब्लॉक की ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश की. पावर प्रजेंटेशन में काेल ब्लॉक की वर्तमान स्थिति, भूमि अधिग्रहण, खर्च और लाभ-हानि को लेकर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया. हालांकि इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है.
उत्पादन के साथ जमीन अधिग्रहण भी करेगी आउटसोर्सिंग कंपनी : दोनों नये काेल ब्लॉक का संचालन माइन डेवलपर एंड ऑपरेट (एमडीओ) माेड में किया गया है.
यानी जो आउटसोर्सिंग कंपनी को खनन का ठेका मिलेगा, उसी कंपनी को जमीन भी अधिग्रहण करना होगा. इसके लिए आउटसोर्सिंग कंपनी को बीसीसीएल राशि मुहैया करायेगा. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो बीसीसीएल सर्टिफाइड कॉपी निकालने के लिए जल्द जिला मुख्यालय में आवेदन कर सकता है. पहले पीरपैंती-बाराहाट काेल ब्लॉक से उत्खनन शुरू करने की याेजना है. वहां उत्खनन शुरू करने के लिए निकाले गये ओवर बर्डेन (ओबी) को मंदार पर्वत ब्लॉक के लिए अधिग्रहीत की गयी जमीन पर डंप किया जायेगा.
20 साल तक खनन की है योजना
पीरपैंती-बाराहाट और मंदार पर्वत काेल ब्लॉक से अगले 20 साल तक कोयला खनन की योजना है. इसके लिए पीरपैंती में 2500 हेक्टेयर और मंदार पर्वत में 4000 हेक्टेयर रैयती जमीन का अधिग्रहण करना है. पीरपैंती में 798.56 मिलियन टन और मंदार पर्वत में 330.73 मिलियन टन कोयला का भंडार है. हालांकि कोयले का ग्रेड काफी निम्म स्तर का है. बता दें कि काेयला मंत्रालय ने जनवरी 2018 में बीसीसीएल काे बिहार के भागलपुर व संताल में कुल चार नये काेल ब्लॉक आवंटित किये थे. इसमें पीरपैंती-बाराहाट, मंदार पर्वत, धूलिया नॉर्थ और मिर्जागांव काेल ब्लॉक शामिल है.
मीटिंग में बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद के अलावा निदेशक तकनीकी (परिचालन) राकेश कुमार, निदेशक तकनीकी (योजना व परियोजना) चंचल गाेस्वामी, विक्रमशिला एरिया जीएम बीके सिन्हा, महाप्रबंधक ( योजना व परियोजना) नीरज कुमार व पर्यावरण विभाग के कुमार राजीव सहित सीएमपीडीआइ के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.