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अवैध बूचड़खानों को फिर से बंद कराने का आदेश मुख्यालय ने फूड सेफ्टी विभाग को भेजा पत्र प्रज्ञा केंद्र से डाउनलोड आवेदन को दुकानदार बता रहे लाइसेंस धनबाद : शहर के कई अवैध बूचड़खानों के संचालक स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के बदले प्रज्ञा केंद्र से कथित लाइसेंस ले रहे हैं. प्रज्ञा केंद्र से आवेदन […]

अवैध बूचड़खानों को फिर से बंद कराने का आदेश

मुख्यालय ने फूड सेफ्टी विभाग को भेजा पत्र
प्रज्ञा केंद्र से डाउनलोड आवेदन को दुकानदार बता रहे लाइसेंस
धनबाद : शहर के कई अवैध बूचड़खानों के संचालक स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के बदले प्रज्ञा केंद्र से कथित लाइसेंस ले रहे हैं. प्रज्ञा केंद्र से आवेदन फार्म को डाउनलोड कर बूचड़खाना संचालक अपनी दुकान में लगा ले रहे हैं. ऐसे में मुख्यालय ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए फिर से आदेश दिया है. फूड सेफ्टी विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है. एसीएमओ ने इस आलोक में धनबाद सदर को पत्र लिखा है. विभाग का कहना है कि ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन करना है, लेकिन कुछ दुकानदार बिना अहर्त्ता के फार्म डाउनलोड कर इसे लाइसेंस बता रहे हैं.
बिना लाइसेंस के कई बूचड़खाने : स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बावजूद जिले में संचालित खस्सी व मुर्गा दुकान के संचालकों ने लाइसेंस नहीं बनाया है. छह माह से इस पर कार्रवाई की बात सरकार कर रही है. लेकिन जिले में बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं हुई है. हालांकि कुछ माह पूर्व निगम की चेतावनी के बाद खस्सी-मुर्गा की अवैध दुकानें बंद हो गयीं थीं. लेकिन अब फिर से दुकानें जगह-जगह खुल गयीं हैं.
जमीन का लेना है एनओसी : बूचड़खाना के लिए संचालकों को जमीन के लिए एनओसी लेना है. इसके अलावा कुछ और भी जरूरी मापदंड हैं. फार्म को ऑन लाइन भरना है. इसके बाद इसमें आवश्यक कागजात अपलोड करने हैं. लेकिन प्रज्ञा केंद्रों से ऑन लाइन फार्म भरकर कई संचालक इस फार्म को ही डाउनलोड करके रख ले रहे हैं. मांगने पर संचालक इसे लाइसेंस कह कर दिखा रहे हैं.
आइएसएम के पास नारकीय स्थिति
शहर में सबसे ज्यादा नारकीय स्थिति आइआइटी आइएमएम के पास है. पुलिस लाइन से लेकर आइएसएम गेट तक कई बूचड़खाने हैं. इन बूचड़खानों में खुलेआम बकरा काटकर टांग दिया जा रहा है. मुर्गा की भी कई जगहों पर दुकान है. दुकानों से निकलने वाली गंदगी आसपास फेंक दी जाती है. बगल से ही हर दिन लोग अवागमन करते हैं. दुर्गंध से लोगों को परेशानी भी होती है.
कार्रवाई का निर्देश
प्रज्ञा केंद्रों से बूचड़खाना के संचालक कागजात ले रहे हैं. लेकिन इसमें कई त्रुटियां है. जरूरी मापदंड को पूरा नहीं किया जा रहा है. अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई के लिए निर्देश मिला है. इसकी तैयारी हो रही है.
डाॅ आलोक विश्वकर्मा, सदर चिकित्सा सह फूड सेफ्ट प्रभारी
धनबाद
एक पर कार्रवाई और पांच को मलाई
कार्रवाई के बजाय सौंप दी एरिया जीएम की कमान
विजिलेंस ने कोल शॉर्टेज मामले में लोदना के तत्कालीन एजीएम बीएन सिंह पर कार्रवाई करते हुए उनके सेवानिवृत्त के दिन ही चार्जशीट थमा दिया और उनकी ग्रेच्युटी पर भी रोक लगा दी. जबकि एनटी-एसटी के तत्कालीन परियोजना पदाधिकारी कल्याण जी प्रसाद पर कार्रवाई के बजाय पदोन्नति के पश्चात उन्हें लोदना एरिया का जीएम बना दिया गया. साथ ही अन्य पर भी कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई. जबकि नियमत: सभी दोषी पर विभागीय कार्रवाई करते हुए सभी को संवेदनशील पदों से हटा कर असंवेदनशील पदों पर पदस्थापना होनी चाहिए थी. साथ ही डिमोशन करने का भी प्रावधान है.

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