पंचमी से सप्तमी तक गरज के साथ बौछार हो सकती है. अष्टमी एवं नवमी को तेज बारिश होने की संभावना है. यहां के पूजा पंडालों में मूर्तियां इस वर्ष 25 एवं 26 सितंबर को आयेगी. 26 सितंबर से ही पंडालों के पट खुलेंगे. चार-पांच दिनों तक यहां कई पूजा स्थल पर मेला लगता है. खासकर कतरास, भूली, हरि मंदिर हीरापुर का मेला काफी प्रसिद्ध है.
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पूजा में बारिश के आसार
धनबाद: कोयलांचल में दुर्गोत्सव का मजा बारिश से बिगड़ सकता है. मेला के दौरान कम से कम दो-तीन दिन बारिश होने के आसार हैं. अगर ऐसा हुआ तो आयोजक से ले कर पंडाल जा कर देवी दर्शन करने वाले श्रद्धालु दोनों परेशान होंगे. मौसम विभाग के अनुसार नवरात्र में बारिश के आसार बन रहे हैं. […]
धनबाद: कोयलांचल में दुर्गोत्सव का मजा बारिश से बिगड़ सकता है. मेला के दौरान कम से कम दो-तीन दिन बारिश होने के आसार हैं. अगर ऐसा हुआ तो आयोजक से ले कर पंडाल जा कर देवी दर्शन करने वाले श्रद्धालु दोनों परेशान होंगे. मौसम विभाग के अनुसार नवरात्र में बारिश के आसार बन रहे हैं. पूरे नवरात्र के दौरान आसमान में काले बादल छाये रहेंगे.
पंचमी से हथिया नक्षत्र का प्रवेश
हिंदी तिथि के अनुसार अभी उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चल रहा है. 25 सितंबर यानी पंचमी से हथिया नक्षत्र प्रवेश कर रहा है. इसी नक्षत्र में मेला पड़ेगा. हथिया नक्षत्र में भारी बारिश के आसार रहते हैं. इसको ले कर भी पूजा आयोजन समिति के सदस्य सशंकित हैं. खास कर वैसे पूजा समिति के सदस्य जहां जल जमाव की समस्या हमेशा रहती है. हथिया नक्षत्र दो हफ्ते रहता है.
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