अस्पताल प्रबंधन से आवश्यक जानकारी ली. सीएस ने मनोज के परिजनों को बताया कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना (असाध्य रोग) के तहत गंभीर बीमारी के मरीजों को सहायता राशि मिलती है. एशियन इसमें सूचीबद्ध नहीं है. रांची में मेडिका, मेदांता सूचीबद्ध है.
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पहल: पैसे की कमी से इलाज नहीं होने की खबर पर उपायुक्त गंभीर ,जालान अस्पताल पहुंचीं सीएस रांची में इलाज कराने की पेशकश
धनबाद : एशियन जालान सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में जीवन-मौत से जूझ रहे तोपचांची के रोआम बाघमारा निवासी मनोज कुमार महतो (30) के बारे में ‘बिस्तर पर मरीज, फ्रीज में खोपड़ी, रुपये नहीं दिये तो ऑपरेशन नहीं हुआ’ खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया. परिजनों की अपील के बाद उपायुक्त ए दोड्डे ने […]
धनबाद : एशियन जालान सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में जीवन-मौत से जूझ रहे तोपचांची के रोआम बाघमारा निवासी मनोज कुमार महतो (30) के बारे में ‘बिस्तर पर मरीज, फ्रीज में खोपड़ी, रुपये नहीं दिये तो ऑपरेशन नहीं हुआ’ खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया. परिजनों की अपील के बाद उपायुक्त ए दोड्डे ने शनिवार को सिविल सर्जन डॉ आशा एक्का को कार्रवाई का निर्देश दिया. सीएस डाॅ एक्का व डॉ राजकुमार एशियन अस्पताल पहुंचे. यहां भरती मनोज कुमार महतो को देखा.
रिम्स में इलाज की व्यवस्था है. वहां मरीज का बाकी का ऑपरेशन हो सकता है. जबकि परिजनों का कहना था कि वह एशियन में ही इलाज कराना चाह रहे हैं. सीएस ने इसकी जानकारी उपायुक्त को दी. इससे पहले दिन में भाजपा नेता जगह महतो, मनोज का भाई भरत महतो आदि ने उपायुक्त से मिल कर मदद की गुहार लगायी थी.
न्यूरो सर्जन नि:शुल्क ऑपरेशन को हैं तैयार : मनोज के परिजनों ने बताया कि प्रभात खबर में समाचार छपने के बाद न्यूरो सर्जन डॉ लिंगराज त्रिपाठी ने कहा कि आगे का ऑपरेशन वह नि:शुल्क करेंगे. परिजनों का कहना है कि डॉ त्रिपाठी शुरू से मदद कर रहे हैं. लेकिन प्रबंधन के लोग ठीक नहीं है.
अब तक हो चुके हैं 5.41 लाख खर्च : मनोज के भाई भरत महतो ने बताया कि इलाज में अब तक 5.41 लाख रुपये खर्च हो गये हैं. 2.5 लाख मेडिकल में, सीटी स्कैन में 50 हजार, रक्त जांच में 30 व 48 हजार, बेड चार्ज 1.57 लाख, अन्य दवा 50 हजार रुपये. कुल मिलाकर 5.41 लाख रुपये खर्च हो गये हैं. अब इलाज के लिए पैसा नहीं है.
क्या है मामला
पड़ोस के गांव में गिरने से मनोज कुमार महतो घायल हो गया था. उसके सिर की हड्डी टूट गयी है. जालान हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पिछले एक माह से उसके सिर के एक हिस्से की खोपड़ी खोल कर फ्रीज में रख दी है. एक ऑपरेशन हुआ है. दूसरे अॉपरेशन के लिए पैसे की मांग की गयी है. जबकि अस्पताल के सेंटर हेड डॉ अनवारुल हक का कहना है कि मनोज महतो का इलाज चल रहा है. मरीज ऐसी स्थिति में नहीं है कि उसकी दूसरी सर्जरी की जा सके. पैसे के कारण इलाज नहीं होने की बात बेबुनियाद है.
एशियन की दलील
इधर, एशियन जालान के पदाधिकारी राजीव रंजन ने दावा किया है कि मरीज से ऑपरेशन के नाम पर मात्र 1.35 लाख रुपये ही लिये गये हैं. जबकि बिल 2.67 रुपये का हुआ है. दूसरी सर्जरी अभी नहीं शुरू करायी गयी है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अस्पताल को मरीज के परिजनों ने 4.91 लाख रुपये दिये हैं.
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