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हाइवा ने मामा-भांजा को कुचला, जाम व तोड़फोड़
धनसार: चांदमारी मांझी बस्ती के पास बुधवार को ओवरटेक के चक्कर में हाइवा ने मामा-भांजा को अपनी चपेट में ले लिया. मामा विजय भुईयां का एक पैर और भांजा नीरज कुमार (12) का दोनों पैर कटकर झूल गया. स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में धनसार पुलिस की मदद से दोनों को पीएमसीएच में भरती कराया. दोनों […]
धनसार: चांदमारी मांझी बस्ती के पास बुधवार को ओवरटेक के चक्कर में हाइवा ने मामा-भांजा को अपनी चपेट में ले लिया. मामा विजय भुईयां का एक पैर और भांजा नीरज कुमार (12) का दोनों पैर कटकर झूल गया. स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में धनसार पुलिस की मदद से दोनों को पीएमसीएच में भरती कराया. दोनों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
घटना के बाद दोनों हाइवा के चालक भाग खड़े हुए. आक्रोशित लोगों ने इस मार्ग को अवरुद्ध कर दिया. आठ हाइवा के शीशे तोड़ डाले. लोगों ने ट्रांसपोर्टर व बीसीसीएल के खिलाफ नारेबाजी की. वे घायलों का इलाज कराने और ट्रांसपोर्टिंग के लिए अलग रूट बनाने की मांग कर रहे थे. इसमें वाहनों की लंबी कतार लग गयी. सूचना पाकर धनसार पुलिस व सीआइएसएफ का दल पहुंचा. लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया गया.
जानकारी के अुसार बुधवार को दोबारी से कोयला लोड कर हाइवा (यूपी 09 5135) व (जेएच 10 पी 9579) चांदमारी कांटा आ रही थी. दोनों हाइवा एक दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में ओवरटेक कर रही थी. जब दोनों चांदमारी मांझी बस्ती पहुंची तो मामा-भांजा उनकी चपेट में आ गये. इधर हंगामा के बाद ट्रांसपोर्टर ने अपने एक आदमी को दस हजार रुपये लेकर इलाज के लिए चांदमारी भेजा. पर लोगों ने पैसा लेने से इनकार कर दिया. कहा गया कि यह पैसा इलाज के लिए काफी नहीं है. आप इलाज ही करा दीजिए. मौके पर पार्षद प्रतिनिधि शिवदत्त कुमार, हिंदू जागरण मंच के शंकर चौधरी व भाजयुमो के रवि मिश्रा पहुंचे और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की. इस संबंध में नीरज के पिता प्रदीप भुईयां ने धनसार थाना में चालक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस दोनों हाइवा को जब्त कर धनसार थाना ले आयी.
घटनास्थल पर घंटे भर तड़पता रहा मामा
घटना के बाद नीरज को स्थानीय लोग मोटरसाइकिल से पीएमसीएच ले गये. पर उसका मामा विजय, जिसका एक पैर कट गया था, लगभग एक घंटे तक तड़पता रहा. लोगों ने वहां मौजूद सीआइएसएफ से मदद का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. पार्षद प्रतिनिधि शिवदत्त कुमार व धनसार पुलिस के सहयोग से उसे अस्पताल भेजा गया. नीरज का पिता प्रदीप भुईयां असंगठित मजदूर है. प्रदीप की दो संतान हैं. प्रदीप अपनी पत्नी राधा व दोनों पुत्र नीरज तथा धीरज के साथ रहता है. वहीं विजय भुईयां के परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. विजय की मां जिरवा देवी नेत्रहीन है. विजय की पत्नी 10 वर्ष पूर्व ही छोड़ कर चली गयी. विजय के बड़े भाई अजय भुईयां की मौत के बाद दोनों भतीजा धनु ,दुर्गा व उसकी पत्नी की जिम्मेवारी विजय ही उठा रहा था. बताया जाता है कि अधिक फेरे के लिए हाइवा काफी तेज गति से चलती है.
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