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शहरी क्षेत्र में घट रहा जलस्तर
आशंका. ऐसी ही गरमी रही तो बंद हो सकती है शहरी जलापूर्ति शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए चाहिए कम से कम 18-20 घंटा बिजली तापमान का ग्राफ ऐसे ही बढ़ता रही तो बंद हो सकती है शहरी जलापूर्ति मैकेनिकल का नहीं मिलता सहयोग देवघर : भीषण व तपती गरमी से जनजीवन मुहाल हो गया […]
आशंका. ऐसी ही गरमी रही तो बंद हो सकती है शहरी जलापूर्ति
शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए चाहिए कम से कम 18-20 घंटा बिजली
तापमान का ग्राफ ऐसे ही बढ़ता रही तो बंद हो सकती है शहरी जलापूर्ति
मैकेनिकल का नहीं मिलता सहयोग
देवघर : भीषण व तपती गरमी से जनजीवन मुहाल हो गया है. गरमी का आलम यह है कि ताल, तलैया व नदियों का जल सूखता जा रहा है. जहां नहीं सूखा है वहां सूखने के कगार पर है.
इस कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया है. मौजूदा समय में पेयजल स्रोतों की पड़ताल करने पर स्थिति भयावह नजर आ रही है. करोड़ों की लागत से बने शहरी जलापूर्ति योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्र में अजय नदी स्थित नवाडीह संप, डढ़वा नदी स्थित बीयर, पतारडीह व सिंघवा स्थित नंदन पहाड़ लेक से पानी का पहुंचना अौर स्टॉक का होना जरूरी है. मगर हाल के दिनों में देवघर व आसपास के क्षेत्र में तापमान का ग्राफ जितनी तेजी से बढ़ा है. उस हिसाब से जल का संचयन रह पाना बड़ा कठिन है. विभागीय सूत्रों से जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए रोजाना पानी का उपयोग हो रहा है.
उस परिस्थिति में नंदन पहाड़ लेक में पानी का स्टॉक घटता जा रहा है. जो बेहद चिंताजनक बात है. ऐसे में डढ़वा नदी में समुचित खुदाई के बाद ही जल का स्तर लोगों के उपयोग में आ सकता है. वहीं तीसरे स्रोत अजय नदी के नवाडीह में 40 टयूबबेल (डीप बोरिंग)में बालू भर गया है. घाट पर जेसीबी से 30 मीटर तक चैनल कटवाया गया है.
मगर वहां भी पानी नीचे नजर आ रहा है. पतारडीह की भी स्थिति कमोवेश वही है. मिट्टी कटाव के बाद ही किसी तरह की उम्मीद की जा सकती है. इन सबके बावजूद 18-20 घंटे तक बिजली की आपूर्ति बेहद जरुरी है. ताकि लो-वोल्टेज व पाइप के जरिये लंबे वाटर पाइप सप्लाई की व्यवस्था के कारण शहर तक पानी पहुंचाने की समस्या को दूर किया जा सके. इन सारी परिस्थितियों को देखने के बाद सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता है, यदि अगले 10-15 दिनों में देवघर व आसपास के क्षेत्र में बारिश नहीं हुई तो शहर में जलापूर्ति ठप हो सकता है. ऐसे में जल संकट के कारण शहरवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. बाध्य हो शहरवासी दूसरे अन्य श्रोत(चापानल, घरेलु कुआं व बोरिंग वाटर) पर आश्रित होने को बाध्य होंगे.
बसुआडीह में 270 एचपी का पंप जला, कई हिस्सों में जलापूर्ति बाधित
देवघर. शहरी क्षेत्र के बड़े हिस्से में बसुआडीह वाटर प्लांट से जलापूर्ति होती है. मगर रविवार की सुबह वाटर सप्लाई के लिए जरुरी 270 एचपी के पंप में तकनीकी खराबी आ गयी है.
इससे जेल, थाना, हॉस्पीटल व कई अन्य हिस्सों में जलापूर्ति बाधित हो गयी है. निगम के जलापूर्ति विंग के तकनीशियन जुटे हुए हैं. मगर उसके पार्टस देवघर में उपलब्ध न होने के कारण उसे बाहर से मंगवाना पड़ेगा. इस स्थिति में एक-दो दिनों तक संबंधित क्षेत्र में जलापूर्ति बाधित रह सकती है. उक्त जानकारी नगन निगम मेयर के प्रतिनिधि अजय पलिवार ने दी.
कहते हैं जल प्रभारी
मैकेनिकल विंग से प्रोपर सहयोग नहीं मिल पा रहा है, इस कारण नदी से संप, संप से बसुआडीह, बसुआडीह से मीनाबाजार, रामपुर जलमीनार तक पानी नहीं पहुंच रहा है. यदि अपेक्षित सहयोग नहीं मिला तो शहर में जलापूर्ति मुश्किल हो जायेगा. हालांकि इसके लिए जी-तोड़ प्रयास कर रहा हूं, ताकि स्थिति में सुधार हो अौर जलापूर्ति सुचारू रूप से हो सके.
-समीर सिन्हा, जल प्रभारी, नगर निगम
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