देवघर: मनपसंद मिठाई खाना हो तो शायद ही किसी दुकान में मनपसंद मिठाई आपको मिलेगी. इसका सबसे बड़ा कारण लगन है. लगन के कारण मिठाई की बुकिंग दुकानों में पहले से ही रहती है. जिस कारण दुकानदार भी अपने ग्राहकों को मन पसंद मिठाई देने में असमर्थ हैं.
जानकार बताते हैं कि घरेलू व व्यावसायिक रूप से शहर में लगभग 50 क्विंटल दूध की खपत है. इसमें ब्रांडेड दूध लगभग 30 एवं लोकल 20 क्विंटल दूध की सप्लाइ हो रही है, लेकिन इसके बावजूद शहर में हो रही डिमांड को पूरा नहीं कर पा रही है. वहीं जरूरी के हिसाब से लोग सागर पाउडर का दूध उपयोग कर रहे है.
गरमी में दूध की होती है कमी
गाय खटाल के मालिक आशुतोष कुमार कहते है कि गरमी आते ही दूध की कमी हो जाती है. इसका सबसे प्रमुख कारण गांवों में पानी की कमी एवं चारा है. गायों को चारा उपलब्ध नहीं हो पाता है. वहीं ज्यादा से ज्यादा दूध विदेशी नस्ल की गाय ही दे पाती है, लेकिन अपने देश के मौसम में उन्हें एडजस्ट करने में समस्या आती है. इस कारण विदेशी नस्ल की गाय गरमी में कम दूध देती है.
गांवों से भी होती है सप्लाइ
शहर में दूध की आपूर्ति आसपास के गांवों से होती है. चाहे वो घरेलू उपयोग के लिए हो या व्यवसाय करने के लिए. उन्हें उसी पर निर्भर रहना पड़ता है. वहीं शहर के कई मिठाई दुकानदार अपनी ही खटाल खोल रखी है. जिन्हें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती है.
मिठाई की है 150 दुकानें
मिठाई दुकानदार बताते है कि शहर में बड़ी व छोटी मिला कर लगभग 150 मिठाई की दुकान है. इतने दुकान भी लोगों की जरूरत को पूरा नहीं कर पाता है. लगन हो या कोई खास फंक्शन लोग मिठाई दुमका या मधुपुर से लाते है. वहीं मिठाई की कमी का दूसरा सबसे बड़ा कारण बाहर से आकर लोग यहां शादी या कोई अन्य फंक्शन करते है.
इसके कारण भी डिमांड के हिसाब से सप्लाई नहीं हो पाती है. कई दुकान में ग्राहक बन कर मिठाई की बुकिंग करने गये, लेकिन किसी दुकानदार ने बुकिंग नहीं ली. दुकानदार का कहना है कि यहां पांच से छह माह पहले से मिठाई की बुकिंग है. ऐसे में और बुकिंग नहीं कर सकते है. इससे अंदाजा लगा सकते है कि शहर में मिठाई की मांग कितनी जोरों पर है.