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सरकारी विभाग दे रहे बिजली का झटका

विडंबना . लोगों को कैसे मिलेगी 24 घंटे बिजली, करोड़ों की बिल बकाया सरकारी विभाग का 20 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया नियमानुसार अफसरों को अपने आवास के बिल का करना है भुगतान हर वर्ष करीब 19.44 लाख रुपये का होता है बिल का भुगतान विभाग के अधिकारी भी नहीं देते ध्यान […]

विडंबना . लोगों को कैसे मिलेगी 24 घंटे बिजली, करोड़ों की बिल बकाया

सरकारी विभाग का 20 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया
नियमानुसार अफसरों को अपने आवास के बिल का करना है भुगतान
हर वर्ष करीब 19.44 लाख रुपये का होता है बिल का भुगतान
विभाग के अधिकारी भी नहीं देते ध्यान
देवघर : जिले में प्रशासनिक व्यवस्था की कमान डीसी के साथ-साथ उनके अधीनस्थ पदाधिकारियों के हाथों होती है. इनकी कार्यशैली आम लोगों के बीच सरकार का चेहरा पेश करती है. ऐसे में अगर वे खुद ही सरकार को बिजली का झटका दें तो इसे क्या कहा जायेगा. कुछ ऐसा ही हो रहा है समाहरणालय, विकास भवन, नगर निगम कार्यालय, सदर अस्पताल, अनुमंडल कार्यालय समेत अनुमंडल पदाधिकारी के सरकारी आवास में, जहां बिजली, पंखा, कूलर,
एसी, फ्रीज आदि बिजली उपकरण तो चलते हैं, मगर उन सभी के बिजली बिल का भुगतान नहीं हो रहा. नतीजा बिजली बिल की लंबी फेहरिस्त खड़ी हो गयी है. सरकारी विभागों पर लगभग 20 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया है. जबकि सामान्य तौर पर आम उपभोक्ता के नाम 5,000 रुपये का बिल बकाया होने पर विभाग की अोर से लाइन डिस्कनेक्ट कर दिया जाता है.
जिले के सरकारी कार्यालयों की इस आदत ने अब परंपरा का रूप अख्तियार कर लिया है. जिले में डीसी समेत कई वरीय पदाधिकारी तैनात हैं. इनके सरकारी आवासों के प्रति माह का यदि कम से कम तीन हजार का रुपये भी बिजली का बिल आता है, तो सालाना यह राशि लगभग 36 हजार रुपये तक पहुंच जाती है. मगर समय पर बिल का भुगतान नहीं होने से यह राशि पहाड़ बन जाती है. सरकारी पदाधिकारियों पर तो कुछ नहीं होता, मगर आम उपभोक्ता का पांच हजार से ज्यादा बिल होने पर लाइन कट कर दिया जाता है. सरकारी आवास के बिल का भुगतान इन वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी जेब से करना है, लेकिन भुगतान सरकार के खाते से किया जाता दिख रहा है. इसके अलावा जेनरेटर पर जो खर्च होता है वह अलग.
कहता है नियम
जानकार बताते हैं नियम के मुताबिक सरकारी पदाधिकारियों के सरकारी आवास में गोपनीय कार्यालय होता है. यहां पर वे विभागीय काम करते हैं. इस वजह से यहां खर्च होने वाली बिजली के बिल का भुगतान सरकारी पैसे से होता है. लेकिन आवास की बिजली, एसी अौर अन्य उपकरणों पर खर्च होने वाले पैसों का भुगतान संबंधित अधिकारी को खुद व्यय करना होता है. देवघर में कई विभागों के बड़े अोहदे पर बैठे अफसर को सरकारी आवास आवंटित है. लेकिन ये बिजली बिल का भुगतान खुद के पैसे से नहीं करते हैं. समय पर बिल का भुगतान नहीं करने पर उनको नोटिस पहुंच जाता है.
सरकारी कार्यालयों का बकाया बिजली बिल
डीसी(सर्किट हाउस व कलेक्टर बिल्डिंग) 64,29,470.00
डीडीसी(विकास भवन) 3,52,809.00
सिविल सर्जन(कुष्ठाश्रम) 22,96,002.00
चेयरमेन(देवघर म्यूनिसिपल) 1,54,76,113.00
एसडीअो (रेसिडेंसियल) 7,07,228.00
एसडीअो (कोर्ट एवं ट्रेजरी) 5,57,931.00
इनकम टैक्स कार्यालय(कृष्णा बसु टाउन) 3,46,205.00
जिला खनन पदाधिकारी, पूरनदाहा, बाइपास रोड 2,68,639.00
सुपरिटेंडेंट, एएनएम ट्रेनिंग सेंटर, जलसार 3,44,220.00
कार्यपालक अभियंता, अतिथिशाला, देवघर 2,92,184.00
सचिव, जिला परिषद, सत्संगनगर 2,48,662.00
चेयरमेन, जिला बोर्ड, आइबी, देवघर 2019595.00
सुपरिटेंडेंट, सेल टैक्स, देवघर 1,80,861.00
डीसी, देवघर, एयरपोर्ट कटिया, देवघर 2,13,623.00
एसडीअो पीएचइडी, सब डिवीजन, विलियम्स टाउन 2,39,200.00
सचिव, पुलिस क्लब, देवघर थाना परिसर 1,68,899.00
एसडीअो, पीडब्ल्यूडी, पीडबल्यूडी गोदाम, बरमसिया 1,76,705.00
एसडीअो, देवघर, अतिरिक्त कोर्ट बिल्डिंग 1,68,899.00
कोषागार पदाधिकारी, देवघर कोर्ट कंपाउंड 91,666.00
डीएफअो, बेलाबगान 1,28,613.00
सिविल सर्जन,एमडी, मेडिकल अॉफिसर, जलसार रोड 4,88,731.00
केंद्रीय पोस्ट व टेलीग्राफ,एसडीअो, टेलीग्राफ 22,97,949.00
जिला सूचना व जनसंपर्क विभाग, देवघर 4,13,217.00
डीपीआरअो, पुराना सदर अस्पताल, एलइडी मॉनिटर 1,10,008.00
एसडीअो(साउथ), बीएसएनएल 12,85,460.00
एसडीई,बीएसएनएल, करनीबाग व शहीद आश्रम रोड 10,36,049.00
एसडीअो, पीएचइडी, त्रिकुटी पहाड़, देवघर 8,43,350.00
असिस्टेंट जेलर, जेल क्वार्टर 4,70,779.17
होटल नटराज विहार 1,50,031.00
स्पेशल अॉफिसर व वाइस चेयरमेन, देवघर नगरपालिका 7,88,790.00
वेटनरी असिस्टेंट सर्जन 6,09,487.00
भगवान बैद्यनाथ मंदिर 1,20,877-00

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